"मंगल ग्रह पर बहता था पानी, बसता था जीवन", New Study के ये रहे चौंकाने वाले नतीजे...

मंगल ग्रह (Mars) की गहरी खाइयों में चिकनी मिट्टी (Clay) है जो करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे पता चलता है कि लैडॉन वैलेस और लैडॉन बेसिन में एक बड़ी झील थी. - नई रिसर्च  

मंगल ग्रह पर चिकनी मिट्टी की मौजूदगी से मिले कई साल पहले यहां जीवन होने के संकेत

मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन की खोज के लिए कई सालों से वैज्ञानिक प्रयास कर रहे हैं और अब जाकर उनके हाथ एक अहम सुराग लगा है.  वैज्ञानिकों को मंगल पर एक गहन शोध के ज़रिए कई अरब साल पहले के जीवन के संकेत मिले हैं. ताजा शोध में पता चला है कि लाल ग्रह के एक क्षेत्र पर कई बार जीवन बसा था. वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर क्ले (Clay) यानि चिकनी मिट्टी वाली तलछट मिलने के ज़रिए पहुंच पाए हैं जो मंगल ग्रह पर मार्गारीटिफर टेरा क्षेत्र में मिले हैं. इस क्षेत्र में मंगल के सबसे सुरक्षित धरातलीय पदार्थ हैं जो इसकी परत पर बहते हुए पानी से बने. 

ग्रहीय विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक और इकारस में प्रकाशिक हुए पेपर की प्रमुख लेखक कैथरीन वीट्ज़ कहती हैं, "क्ले की मौजूदगी से जीवन के अनुकूल पर्यावरण होने का संकेत मिलता है क्योंकि क्ले न्यूट्रल pH कंडीशन में बनती और रहती है जहां पानी लंबे समय तक रहता है. इससे क्ले का सल्फेट जैसे दूसरे खनिज पदार्थों में भाष्पीकरण नहीं हो पाता है."
शोध के लिए वैज्ञानिकों ने नासा की हाई रिजोल्यूशन वाली इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट (HiRISE), कॉन्टेक्स कैमरा (CTX) और क्रिज्म   (Compact Reconnaissance Imaging Spectrometers for Mars,CRISM) जैसे उपकरणों की मदद ली. 

मंगल ग्रह पर थी बड़ी झील 

ESA के MARSIS (मार्सिस) में अपने लॉन्च के 19 साल बाद बड़ा सॉफ्टवेयर अपग्रेड होने वाला है.  वैज्ञानिकों ने मंगल के ऑर्बिट की तस्वीरें लीं और उत्तरी लेडॉन वैलेस (northern Ladon Valles), दक्षिणी लैडोन बेसिन (southern Ladon basin) और लैडॉन बेसिन के नज़दीक ऊंचाई की जगहों के पास क्ले वाली कणों की पहचान की. उन्होंने बताया कि लैडॉन बेसिन के पास हल्के रंगीली परतों वाले सेडिमेंट्स खास हैं, उन्होंने बताया कि इसकी गहरी खाइयों में चिकनी मिट्टी है जो करीब 200 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे पता चलता है कि लैडॉन वैलेस और लैडॉन बेसिन में एक बड़ी झील थी.  

वीट्स ने आगे बताया कि कम ऊर्जा वाली झील और क्ले की मौजूदगी से उस समय यहां जीवन के अनुकूल परिस्थितियां रही होंगी. ऐसा पता लगाया गया कि लैडॉन बेसिन क्षेत्र में कभी पानी बहता होगा. यह करीब 1.8 बिलियन साल पहले शुरु हुआ होगा और करीब 2.5 साल पहले तक रहा होगा. 

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शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि क्ले पहले लैडॉन बेसिन के पुराने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इकठ्ठा होना शुरू हुई होगी. इसके बाद में वह झील तक पहुंची होगी.  नासा के क्यूरिसिटी रोवर ने मंगल पर पानी के संकेतों की तस्वीरें भेजीं हैं.  वेइट्स ने कहा, "हमारे नतीजे दिखाते हैं कि इबर्सवाल्डे (Eberswalde) में मंगल बहते पानी से क्ले इकठ्ठा होना कोई अनोखी बात नहीं होगी हमने ऐसी ही नई घाटियों के कई उदाहरण इस क्षेत्र में देखे हैं.