Chandrayaan 1
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भारत कई अन्य अंतरग्रहीय मिशन लॉन्च करने में सक्षम: ISRO चीफ एस सोमनाथ
- Sunday August 27, 2023
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अनिशा कुमारी
पीएम मोदी ने शनिवार को घोषणा की है कि जहां चंद्रयान -3 विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी, उसे "शिव शक्ति पॉइंट" नाम दिया जाएगा.
- ndtv.in
-
रोवर प्रज्ञान ने शुरू किया काम, लैंडर विक्रम कर रहा निगरानी : चंद्रयान 3 के दोनों 'साथियों' के लिए व्यस्त रहेगा आने वाला पखवाड़ा
- Thursday August 24, 2023
- Reported by: पल्लव बागला, Translated by: विवेक रस्तोगी
Chandrayaan-3:चंद्रयान 3 का छह पहियों पर चलने वाला रोवर अगले 14 दिन तक चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रयोग करेगा. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान - दोनों की मिशन लाइफ़ 1 चंद्र दिवस की है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है.
- ndtv.in
-
क्या सफल होगा चंद्रयान-2 मिशन? चंद्रमा पर विक्रम लैंडर मिलने के बाद ISRO के पास क्या हैं विकल्प, 12 प्वाइंट् में पढ़ें
- Monday September 9, 2019
- Reported by: एजेंसियां, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. लैंडर को शुक्रवार देर रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया.
- ndtv.in
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चंद्रयान-1 के डायरेक्टर ने बताई वजह, क्यों नहीं हो पा रहा लैंडर से ऑर्बिटर का संपर्क
- Monday September 9, 2019
- Reported by: एजेंसियां, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है. इसरो प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी 14 दिनों तक लैंडर से संपर्क बहाल करने की कोशिश करेगी. चंद्रयान-2 में लगे कैमरों से चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का रविवार को पता चलने के बाद उन्होंने दोहराया कि ये (संपर्क बहाल करने की) कोशिशें जारी रहेंगी.
- ndtv.in
-
चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने भी थपथपाई ISRO की पीठ, कुछ इस तरह रहीं प्रतिक्रियाएं
- Saturday September 7, 2019
- भाषा
दुनिया भर की मीडिया ने शनिवार को यह टिप्पणी की. न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्डियन समेत अन्य कई प्रमुख विदेशी मीडिया संगठनों ने भारत के ऐतिहासिक चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ पर खबरें प्रकाशित और प्रसारित कीं. अमेरिकी पत्रिका ‘वायर्ड’ ने कहा कि चंद्रयान-2 कार्यक्रम भारत का अब तक का ‘सबसे महत्त्वकांक्षी’ अंतरिक्ष मिशन था.
- ndtv.in
-
ISRO के वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-2 का 95 प्रतिशत सही-सलामत, ऑर्बिटर अभी भी काट रहा है चंद्रमा के चक्कर
- Saturday September 7, 2019
- Edited by: प्रभात उपाध्याय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है."
- ndtv.in
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Chandrayaan 2: क्या विक्रम लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया? जानिए लैंडिंग के दौरान क्या-क्या हुआ...
- Saturday September 7, 2019
- Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह
भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "यह मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था. उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है."
- ndtv.in
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Chandrayaan 2: अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि, चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान- 2
- Tuesday August 20, 2019
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.
- ndtv.in
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चंद्रयान - 2 अभियान में 13 पेलोड के साथ 1 NASA पेलोड भी शामिल - इसरो
- Thursday May 16, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने कहा कि जुलाई में भेजे जाने वाले भारत के दूसरे चंद्र अभियान (Chandrayaan 2) में 13 पेलोड होंगे और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का भी एक उपकरण होगा.
- ndtv.in
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चांद पर मिली बर्फ, भारत के Chandrayaan-1 की मदद से NASA ने की पुष्टि
- Wednesday August 22, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) अंतरिक्षयान के आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर जल के जमे हुए स्वरूप में उपस्थित होने की पुष्टि की है.
- ndtv.in
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भारत का लापता चंद्रयान-1 अब भी कर रहा चंद्रमा की परिक्रमा : नासा
- Friday March 10, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
चंद्रमा के लिए भारत का पहला मानवरहित अभियान चंद्रयान-1, जिसके बारे में माना जा रहा था कि वह लापता हो गया है, वह अभी भी चांद का चक्कर लगा रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है.
- ndtv.in
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भारत कई अन्य अंतरग्रहीय मिशन लॉन्च करने में सक्षम: ISRO चीफ एस सोमनाथ
- Sunday August 27, 2023
- Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अनिशा कुमारी
पीएम मोदी ने शनिवार को घोषणा की है कि जहां चंद्रयान -3 विक्रम लैंडर ने सॉफ्ट लैंडिंग की थी, उसे "शिव शक्ति पॉइंट" नाम दिया जाएगा.
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रोवर प्रज्ञान ने शुरू किया काम, लैंडर विक्रम कर रहा निगरानी : चंद्रयान 3 के दोनों 'साथियों' के लिए व्यस्त रहेगा आने वाला पखवाड़ा
- Thursday August 24, 2023
- Reported by: पल्लव बागला, Translated by: विवेक रस्तोगी
Chandrayaan-3:चंद्रयान 3 का छह पहियों पर चलने वाला रोवर अगले 14 दिन तक चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रयोग करेगा. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान - दोनों की मिशन लाइफ़ 1 चंद्र दिवस की है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है.
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क्या सफल होगा चंद्रयान-2 मिशन? चंद्रमा पर विक्रम लैंडर मिलने के बाद ISRO के पास क्या हैं विकल्प, 12 प्वाइंट् में पढ़ें
- Monday September 9, 2019
- Reported by: एजेंसियां, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का अभियान शनिवार को अपनी तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था. लैंडर को शुक्रवार देर रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया.
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चंद्रयान-1 के डायरेक्टर ने बताई वजह, क्यों नहीं हो पा रहा लैंडर से ऑर्बिटर का संपर्क
- Monday September 9, 2019
- Reported by: एजेंसियां, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम से संपर्क बहाल करने की कोशिश जारी रखे हुए है लेकिन विशेषज्ञों ने कहा है कि समय निकलता जा रहा है और संपर्क बहाल होने की संभावना कम होती जा रही है. इसरो प्रमुख के. सिवन ने शनिवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी 14 दिनों तक लैंडर से संपर्क बहाल करने की कोशिश करेगी. चंद्रयान-2 में लगे कैमरों से चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम का रविवार को पता चलने के बाद उन्होंने दोहराया कि ये (संपर्क बहाल करने की) कोशिशें जारी रहेंगी.
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चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने भी थपथपाई ISRO की पीठ, कुछ इस तरह रहीं प्रतिक्रियाएं
- Saturday September 7, 2019
- भाषा
दुनिया भर की मीडिया ने शनिवार को यह टिप्पणी की. न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्डियन समेत अन्य कई प्रमुख विदेशी मीडिया संगठनों ने भारत के ऐतिहासिक चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ पर खबरें प्रकाशित और प्रसारित कीं. अमेरिकी पत्रिका ‘वायर्ड’ ने कहा कि चंद्रयान-2 कार्यक्रम भारत का अब तक का ‘सबसे महत्त्वकांक्षी’ अंतरिक्ष मिशन था.
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ISRO के वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-2 का 95 प्रतिशत सही-सलामत, ऑर्बिटर अभी भी काट रहा है चंद्रमा के चक्कर
- Saturday September 7, 2019
- Edited by: प्रभात उपाध्याय
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है."
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Chandrayaan 2: क्या विक्रम लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया? जानिए लैंडिंग के दौरान क्या-क्या हुआ...
- Saturday September 7, 2019
- Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह
भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "यह मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था. उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है."
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Chandrayaan 2: अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि, चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान- 2
- Tuesday August 20, 2019
- Reported by: पल्लव बागला, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.
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चंद्रयान - 2 अभियान में 13 पेलोड के साथ 1 NASA पेलोड भी शामिल - इसरो
- Thursday May 16, 2019
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने कहा कि जुलाई में भेजे जाने वाले भारत के दूसरे चंद्र अभियान (Chandrayaan 2) में 13 पेलोड होंगे और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का भी एक उपकरण होगा.
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चांद पर मिली बर्फ, भारत के Chandrayaan-1 की मदद से NASA ने की पुष्टि
- Wednesday August 22, 2018
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वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1) अंतरिक्षयान के आंकड़ों के आधार पर चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर जल के जमे हुए स्वरूप में उपस्थित होने की पुष्टि की है.
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भारत का लापता चंद्रयान-1 अब भी कर रहा चंद्रमा की परिक्रमा : नासा
- Friday March 10, 2017
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चंद्रमा के लिए भारत का पहला मानवरहित अभियान चंद्रयान-1, जिसके बारे में माना जा रहा था कि वह लापता हो गया है, वह अभी भी चांद का चक्कर लगा रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी है.
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