Ajit Bharti
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
दिल्ली हाईकोर्ट ने ₹2.1 करोड़ के मानहानि मुकदमे में अजीत भारती को भेजा नोटिस, TFI मीडिया ने दायर किया है मुकदमा
- Friday May 30, 2025
- Edited by: चंदन वत्स
TFI मीडिया ने पोस्ट के सर्कुलेशन को रोकने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा और सोशल मीडिया मंच एक्स को पोस्ट हटाने के लिए एक अनिवार्य निर्देश देने की मांग की है.
-
ndtv.in
-
मायावती-जोगी ने दिलचस्प बनाया चुनाव...
- Friday November 16, 2018
- मनोरंजन भारती
छत्तीसगढ़ में एक चरण के चुनाव के बाद बसपा नेता मायावती ने यह साफ किया है कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर रखेगी. हालांकि उनके ही सहयोगी अजीत जोगी ने एक दिन पहले यह पूछे जाने पर कि क्या जरूरत पड़ी जो बीजेपी को अपना सर्मथन दे सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा था कि राजनीति में कुछ भी संभव है मगर बाद में वे अपने बयान से पलट गए. जाहिर है मायावती चुनाव परिणाम से पहले अपने पत्ते नहीं खोलना चाहती है. जाहिर है इन चुनावों का 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी काफी असर पड़ने वाला है. सभी पार्टियों को पता है कि अभी तक छत्तीसगढ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम होता है. ऐसे में यहां एक-एक वोट कीमती होता है.
-
ndtv.in
-
दिल्ली हाईकोर्ट ने ₹2.1 करोड़ के मानहानि मुकदमे में अजीत भारती को भेजा नोटिस, TFI मीडिया ने दायर किया है मुकदमा
- Friday May 30, 2025
- Edited by: चंदन वत्स
TFI मीडिया ने पोस्ट के सर्कुलेशन को रोकने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा और सोशल मीडिया मंच एक्स को पोस्ट हटाने के लिए एक अनिवार्य निर्देश देने की मांग की है.
-
ndtv.in
-
मायावती-जोगी ने दिलचस्प बनाया चुनाव...
- Friday November 16, 2018
- मनोरंजन भारती
छत्तीसगढ़ में एक चरण के चुनाव के बाद बसपा नेता मायावती ने यह साफ किया है कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर रखेगी. हालांकि उनके ही सहयोगी अजीत जोगी ने एक दिन पहले यह पूछे जाने पर कि क्या जरूरत पड़ी जो बीजेपी को अपना सर्मथन दे सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा था कि राजनीति में कुछ भी संभव है मगर बाद में वे अपने बयान से पलट गए. जाहिर है मायावती चुनाव परिणाम से पहले अपने पत्ते नहीं खोलना चाहती है. जाहिर है इन चुनावों का 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी काफी असर पड़ने वाला है. सभी पार्टियों को पता है कि अभी तक छत्तीसगढ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर एक फीसदी से भी कम होता है. ऐसे में यहां एक-एक वोट कीमती होता है.
-
ndtv.in