एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता अब भी शरद पवार पर अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए दबाव बनाए हुए हैं. लेकिन पवार ने साफ कर दिया है कि पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए नए नेतृत्व को मौका देना जरूरी है. ऐसे में सवाल है पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में किसका पलड़ा भारी है ? किसे पार्टी की जिम्मेदारी मिलेगी.