यह पहली बार नहीं है कि शरद पवार ने अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में कोई राजनीतिक संकट झेला हो और वापसी ना की हो. पवार की राजनीतिक जीवन में कम से कम चार ऐसे मौके आए हैं जब उन्होने दुबारा से शुरूआत करके अपनी राजनीतिक साख बचाई है. और अपनी राजनीतिक जमीन पाई है.