Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार मई 26, 2022 08:55 AM IST हिंसा से आप आधी-अधूरी लड़ाई नहीं लड़ सकते. ऐसा नहीं हो सकता कि दूसरे देश पर युद्ध थोप दें और अपने देश के भीतर चल रहे नफरत के संग्राम से नज़र मोड़ लें. हिंसा को सही बताने वाले ऐसे नगीनों से आप भारत में भी टकरा सकते हैं. जो इन दिनों इतिसाह का बदला लेने का मंत्र लोगों के कानों में दिन रात फूंक रहे हैं.