Business | Edited by: ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार मई 1, 2017 10:46 AM IST आवास कंपनियों के प्रवर्तकों और बिल्डरों को कर्ज देने वाले बैंक और वित्तीय संस्थाएं नयी रेरा (RERA) यानी रियल एस्टेट नियममन एवं विकास अधिनियम, 2016 व्यवस्था में असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उन्होंने अपने कर्ज़ की सुरक्षा को लेकर सफाई मांगी है. बता दें कि देश के हरक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी. साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं आज से प्रभावी हो रही हैं.