बहुप्रतीक्षित रीयल एस्टेट कानून सोमवार से प्रभाव में आ रहा है, लेकिन 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ही इस कानून के तहत अबतक नियमों को अधिसूचित किया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र का बस विनियमन करेगा न कि उसका गला घोंटेगा.
रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून रीयल एस्टेट क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यकुशलता का वादा करता है. सरकार ने इस कानून के क्रियान्वयान को एक ऐसे युग की शुरुआत कहा है, जहां खरीददार बाजार का बादशाह होगा. सरकार ने मकानों के खरीददारों को बचाने और असली निजी रीयल एस्टेट कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए यह कानून लाया है.
रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 पिछले साल मार्च में संसद से पारित हुआ था. उसकी सभी 92 धाराएं एक मई से प्रभावी हो जाएंगी. हालांकि केवल 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ही अबतक नियम अधिसूचित किए हैं. उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर एवं नागर हवेली, दीव, लक्षद्वीप आदि ने नियम अधिसूचित किए हैं.
हैदराबाद में नायडू ने कहा, 'मैंने सभी संबंधित पक्षों को आश्वासन दिया है कि यह विधेयक सभी के हित में इस क्षेत्र का बस विनियमन समर्थ बनाता है लेकिन इस क्षेत्र का गला घोंटता है. मैं इस इतना कहना चाहता हूं कि डेवलपर अपने वादे पूरा करें... विज्ञापन में जो वादे किए गए हैं, उनका पालन हो.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)