Blogs | राकेश कुमार मालवीय |सोमवार अगस्त 6, 2018 12:43 PM IST बच्चे हैं. यूं भी हाशिये पर हैं. लेकिन जो शेल्टर होम के बच्चे हैं, वे तो भयावह पीड़ा को पहले ही भोग चुके होते हैं. एक जो बच्चा शेल्टर होम में दाखिल होता है, उसकी सैकड़ों दारुण कहानियां बन चुकी होती हैं.