बिहार के एक बालिका गृह के भीतर 44 में से 34 बच्चियों के साथ बलात्कार की पुष्टि की ख़बर को सिस्टम कैसे पचा सकता है और समाज कैसे डकार लेकर चुप रह सकता है इसे समझने के लिए नेता, नौकरशाही, न्यायपालिका और जाति के आधार पर गोलबंद ताकतवर लोगों के झुंड के भीतर झांक कर देखना होगा. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के कहने पर ही मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट आफ सोशल साइंस ने राज्य के कई सुधार गृहों का जायज़ा लिया और 27 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी.