मौजूदा एशियाई चैम्पियन शिव थापा (56 किग्रा) और मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन थोकचोम नानाओ सिंह (49 किग्रा) सहित एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में इतिहास रचते हुए क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय करने वाले सभी पांचों भारतीय मुक्केबाजों का सफर बुधवार को थम गया।
पांचों भारतीय मुक्केबाज बुधवार को चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में अपने-अपने भारवर्ग के मुकाबले हार गए, और इस तरह चैम्पियनशिप में इस वर्ष भारत की चुनौती भी समाप्त हो गई है।
नीली जर्सी में रिंग में उतरे थापा बैंटमवेट वर्ग में अजरबेजान के जाविद चालाबियेव के आगे नहीं टिक सके और अंकों के आधार पर 3-0 से मुकाबला हार गए।
चैम्पियनशिप के लाइटवेट वर्ग के 60 किग्रा भारवर्ग में विकास मलिक ने ब्राजील के रॉब्सन कॉन्सिकाओ को पहले सेट में कड़ी टक्कर दी, लेकिन अंतत: वह भी अंकों के आधार पर 3-0 से हारे।
लाइट हैवीवेट वर्ग के 81 किग्रा भारवर्ग में सुमित सांगवान शीर्ष वरीय कजाकिस्तान के आदिलबेक नियाजिम्बेतोव से हारे। आदिलबेक से तीनों सेट हारने वाले सांगवान ने दूसरे सेट में वापसी करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इस सेट में वह आदिलबेक से 30 के मुकाबले 29 अंक से पिछड़ गए।
मंगलवार को ही क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर चुके मनोज कुमार लाइट वेल्टरवेट वर्ग के 64 किग्रा भारवर्ग में क्यूबा के याज्नीर लोपेज से हारे। दूसरे सेट में मनोज ने लोपेज के 30 के मुकाबले 29 अंक अर्जित किए, लेकिन तीसरे सेट में वह लोपेज के आगे एकदम नहीं टिक सके। लोपेज ने उन्हें 3-0 से मात दी।
सुपर हैवीवेट वर्ग में देश की आखिरी उम्मीद सतीश कुमार का मुकाबला कजाकिस्तान के इवान डाइच्को से होना था, लेकिन सतीश तबीयत खराब होने के चलते मुकाबले से हट गए और डाइच्को को वाकओवर दे दिया गया।
एआईबीए चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल तक पहली बार पांच भारतीय मुक्केबाज पहुंचे, लेकिन क्वार्टरफाइनल में कोई भी मुक्केबाज एक गेम तक नहीं जीत सका।
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