फ्रांस की 15वीं वरीय मारियन बार्तोली ने एकतरफा फाइनल में जर्मनी की सेबिन लिसिकी को 6-1, 6-4 से हराकर अपना पहला विंबलडन महिला एकल खिताब जीता।
                                            
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                                                                                लंदन: 
                                        फ्रांस की 15वीं वरीय मारियन बार्तोली ने एकतरफा फाइनल में जर्मनी की सेबिन लिसिकी को 6-1, 6-4 से हराकर अपना पहला विंबलडन महिला एकल खिताब जीता।
फ्रांस की 28वीं वरीय बार्तोली ओपन युग में पहली बार ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली पांचवीं सबसे अधिक उम्र की खिलाड़ी हैं।
छह साल पहले विंबलडन फाइनल में वीनस विलियम्स के हाथों शिकस्त के बाद दूसरी बार सेंटर कोर्ट पर फाइनल में खेल रही बार्तोली ने ताकतवर खेल का शानदार नमूना पेश करते हुए अपने पहले ग्रैंडस्लैम खिताब का लंबा इंतजार खत्म किया।
बार्तोली ने सिर्फ 81 मिनट में 23वीं वरीय सेबिन को हराया जो दूसरे सेट में मैच हाथ से निकलने के बाद रोने लगी थी।
बार्तोली ने मैच के बाद कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। बचपन से ही मैंने इस लम्हे का सपना देखा था।’ उन्होंने कहा, ‘ऐस लगाकर विंबलडन जीतना तो मैं अपने सपने में भी नहीं सोच सकती थी। यह ट्राफी जीतकर मैं काफी खुश हूं।’
इस बीच, जर्मनी की सेबिन को 25 सहज गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैं दबाव में आ गई लेकिन मारियन को पूरा श्रेय जाता है। वह शानदार तरीके से इससे निपटी। वह लंबे समय से टूर पर खेल रही है और इसकी हकदार है।’
                                                                        
                                    
                                फ्रांस की 28वीं वरीय बार्तोली ओपन युग में पहली बार ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली पांचवीं सबसे अधिक उम्र की खिलाड़ी हैं।
छह साल पहले विंबलडन फाइनल में वीनस विलियम्स के हाथों शिकस्त के बाद दूसरी बार सेंटर कोर्ट पर फाइनल में खेल रही बार्तोली ने ताकतवर खेल का शानदार नमूना पेश करते हुए अपने पहले ग्रैंडस्लैम खिताब का लंबा इंतजार खत्म किया।
बार्तोली ने सिर्फ 81 मिनट में 23वीं वरीय सेबिन को हराया जो दूसरे सेट में मैच हाथ से निकलने के बाद रोने लगी थी।
बार्तोली ने मैच के बाद कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। बचपन से ही मैंने इस लम्हे का सपना देखा था।’ उन्होंने कहा, ‘ऐस लगाकर विंबलडन जीतना तो मैं अपने सपने में भी नहीं सोच सकती थी। यह ट्राफी जीतकर मैं काफी खुश हूं।’
इस बीच, जर्मनी की सेबिन को 25 सहज गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैं दबाव में आ गई लेकिन मारियन को पूरा श्रेय जाता है। वह शानदार तरीके से इससे निपटी। वह लंबे समय से टूर पर खेल रही है और इसकी हकदार है।’
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