मैरियोन बारतौली का फाइल फोटो
- मैरियोन बारतौली फिर दिखेंगी कोर्ट पर
- अगले साल ड्ब्लूयटीए टूर से होगी वापसी
- यह दर्द बना वापसी की वजह
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नई दिल्ली:
फ्रांस की महिला टेनिस खिलाड़ी 33 साल की मैरियोन बारतौली ने चार साल बाद टेनिस कोर्ट पर वापसी करने का फैसला लिया है. साल 2013 में विबंलडन का खिताब अपने नाम करने वाली इस खिलाड़ी ने संन्यास लेने के बाद वापसी करने का निश्चय किया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बाटरेली के हवाले से लिखा है, 'मैं अगले साल से डब्ल्यूटीए सर्किट में वापसी करने की घोषणा से खुश हूं. मैं मैच के दौरान एक बार फिर अपने प्रशंसकों को देखने को तैयार हूं. साथ ही कई अच्छे पल भी साझा करने को तैयार हूं. दरअसल बारतौली को एक दर्द पिछले कई सालो से साल रहा था. और यही वजह रही कि उन्होंने माइक छोड़कर फिर से कोर्ट पर लौटने का फैसला लिया.
बता दें कि विंबलडन-2013 का खिताब जीतने के कुछ ही दिनों बाद बारतौली ने टेनिस से संन्यास ले लिया था. इसके बाद वह टीवी कॉमेंटेटर बन गई थीं. उनके नाम आठ डब्ल्यूटीए खिताब है. वह 2012 में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग सात तक पहुंची हैं. बारतौली अगले साल मार्च में कोर्ट पर वापसी करेंगी. वह मियामी ओपन से एक बार फिर टेनिस जगत में कदम रख सकती हैं. अपनी विश्व रैंकिंग को सुधारने के लिए उन्हें कुछ वाइल्ड कार्ड की जरूरत होगी. बारतौली ने कहा कि वापसी मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित होनी जा रही है. वास्तव में मुझे बहुत ज्यादा अभ्यास करने की जरुरत पड़ेगी.
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साल 2016 में बारतौली को एक रहसयमयी बीमारी ने घेर लिया था. इसके चलते उनका 20 किली वजन घट गया था. इस पर उन्होंने कहा कि उस साल विंबलडन में एक प्रदर्शनी मैच से नाम वापस लेने के बाद वह अपनी सेहत को लेकर डर गई थीं. लेकिन इसके एक ही महीने बाद बारतौली ने कहा था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. तब बारतौली की बीमारी पर डॉक्टरों ने कहा था कि यह बीमारी इतनी विरली है कि इसके लिए उनके पास कोई नाम नहीं है.
VIDEO : खुद मैरियोन बारतौली से सुनिए संन्यास तोड़ने की बात
वास्तव में बारतौली की वापसी फ्रांस के लिए बड़ी बात है जिसने 2003 के बाद से फेड कप नहीं जीता है. इसी के चलते बारतौली ने संन्यास तोड़कर वापसी का फैसला लिया. यही दर्द बारतौली को परेशान कर रहा था.
बता दें कि विंबलडन-2013 का खिताब जीतने के कुछ ही दिनों बाद बारतौली ने टेनिस से संन्यास ले लिया था. इसके बाद वह टीवी कॉमेंटेटर बन गई थीं. उनके नाम आठ डब्ल्यूटीए खिताब है. वह 2012 में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग सात तक पहुंची हैं. बारतौली अगले साल मार्च में कोर्ट पर वापसी करेंगी. वह मियामी ओपन से एक बार फिर टेनिस जगत में कदम रख सकती हैं. अपनी विश्व रैंकिंग को सुधारने के लिए उन्हें कुछ वाइल्ड कार्ड की जरूरत होगी. बारतौली ने कहा कि वापसी मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित होनी जा रही है. वास्तव में मुझे बहुत ज्यादा अभ्यास करने की जरुरत पड़ेगी.
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साल 2016 में बारतौली को एक रहसयमयी बीमारी ने घेर लिया था. इसके चलते उनका 20 किली वजन घट गया था. इस पर उन्होंने कहा कि उस साल विंबलडन में एक प्रदर्शनी मैच से नाम वापस लेने के बाद वह अपनी सेहत को लेकर डर गई थीं. लेकिन इसके एक ही महीने बाद बारतौली ने कहा था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. तब बारतौली की बीमारी पर डॉक्टरों ने कहा था कि यह बीमारी इतनी विरली है कि इसके लिए उनके पास कोई नाम नहीं है.
VIDEO : खुद मैरियोन बारतौली से सुनिए संन्यास तोड़ने की बात
Je suis très heureuse de vous annoncer mon retour sur le circuit professionnel de la @WTA J'ai vraiment hâte de vous retrouver et partager à nouveau de grandes émotions avec vous . @Eurosport_FR #marionisback pic.twitter.com/Qa42Nkjnce
— Marion bartoli (@bartoli_marion) December 19, 2017
वास्तव में बारतौली की वापसी फ्रांस के लिए बड़ी बात है जिसने 2003 के बाद से फेड कप नहीं जीता है. इसी के चलते बारतौली ने संन्यास तोड़कर वापसी का फैसला लिया. यही दर्द बारतौली को परेशान कर रहा था.
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