भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के दिशानिर्देशों के तहत यह फैसला करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है कि देश में दोनों गुटों हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी महासंघ में से कौन इस खेल को चलाएगा।
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नई दिल्ली:
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के दिशानिर्देशों के तहत यह फैसला करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है कि देश में दोनों गुटों हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी महासंघ में से कौन इस खेल को चलाएगा। आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘हमने फिर से दोनों गुटों को एक साथ लाने के लिए पहल की है।
इसके लिए जीएस मंडेर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति ने दोनों गुटों को पत्र लिखे हैं और उनसे बातचीत चल रही है।’
इस समिति का गठन पिछले महीने किया गया था। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष मंडेर इसके अध्यक्ष होंगे। उनके अलावा समिति में भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष बीरेंद्र प्रसाद बैश्य और भारतीय हैंडबाल महासंघ के महासचिव एसएम बाली भी शामिल हैं।
मंडेर ने कहा कि हॉकी इंडिया और आईएचएफ की 21 अगस्त को सुनवाई की जाएगी और समिति 31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
आईओए के उपाध्यक्ष मंडेर ने कहा, ‘समिति यह फैसला करेगी कि इन दोनों संघों में से कौन देश में हॉकी चलाएगा तथा किसे आईओए और एफआईएच की मान्यता मिलनी चाहिए। एफआईएच के दिशानिर्देशों के तहत इसका गठन किया गया है और इस पर अगस्त के आखिर तक फैसला हो जाना चाहिए।’
मंडेर ने कहा कि हॉकी इंडिया और आईएचएफ ने लिखित में अपनी स्थिति समिति के सामने स्पष्ट कर दी है और अब दोनों को 21 अगस्त को सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
इसके लिए जीएस मंडेर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति ने दोनों गुटों को पत्र लिखे हैं और उनसे बातचीत चल रही है।’
इस समिति का गठन पिछले महीने किया गया था। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष मंडेर इसके अध्यक्ष होंगे। उनके अलावा समिति में भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष बीरेंद्र प्रसाद बैश्य और भारतीय हैंडबाल महासंघ के महासचिव एसएम बाली भी शामिल हैं।
मंडेर ने कहा कि हॉकी इंडिया और आईएचएफ की 21 अगस्त को सुनवाई की जाएगी और समिति 31 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
आईओए के उपाध्यक्ष मंडेर ने कहा, ‘समिति यह फैसला करेगी कि इन दोनों संघों में से कौन देश में हॉकी चलाएगा तथा किसे आईओए और एफआईएच की मान्यता मिलनी चाहिए। एफआईएच के दिशानिर्देशों के तहत इसका गठन किया गया है और इस पर अगस्त के आखिर तक फैसला हो जाना चाहिए।’
मंडेर ने कहा कि हॉकी इंडिया और आईएचएफ ने लिखित में अपनी स्थिति समिति के सामने स्पष्ट कर दी है और अब दोनों को 21 अगस्त को सुनवाई के लिए बुलाया गया है।
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