भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वार्न और आरसीए सचिव संजय दीक्षित के बीच हुए झगड़े पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
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मुंबई:
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वार्न और आरसीए सचिव संजय दीक्षित के बीच हुए झगड़े पर मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रखा। बीसीसीआई ने दोनों को सुनवाई के लिए बुलाया था। वार्न और दीक्षित दोनों आईपीएल के तीन सदस्यीय पैनल के समक्ष उपस्थित हुए तथा उन्होंने इस ट्वेंटी-20 लीग में पिच को बदलने और उसके बाद की घटनाओं के बारे में अपनी बात रखीं। दीक्षित ने आरोप लगाया था कि राजस्थान रॉयल्स और रायल चैलेंजर्स बेंगलूर के बीच 11 मई को जयपुर में खेले गए मैच की पिच बदलने का आग्रह नहीं मानने पर वार्न ने उन्हें अपशब्द कहे थे। दीक्षित ने तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद कहा, हमारी लंबी बैठक हुई और फैसले का इंतजार है। हमें साथ में और अलग अलग से भी बुलाया गया। सुनवाई सद्भावपूर्ण माहौल में हुई। यह सुनवाई थी इसलिए इसमें क्या हुआ यह गोपनीय है। आईपीएल के जिस पैनल ने सुनवाई की उसमें इसके चेयरमैन चिरायु अमीन, आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य रवि शास्त्री और आईएमजी अधिकारी जान शामिल हैं। दीक्षित ने कहा, यह सुनवाई केवल उस शिकायत को लेकर थी जो मैंने दर्ज की थी। इसमें कुछ भी बाहरी तत्व शामिल नहीं था। तीन सदस्यीय पैनल ने हमारी पूरी बातें सुनी। मैं फैसले का इंतजार करूंगा क्योंकि मैं अब भी नहीं जानता कि इस पर कब फैसला दिया जाएगा। वार्न राजस्थान रायल्स के सीईओ सीन मोरिस के साथ पहुंचे हुए थे। वह सुनवाई के बाद पहले बाहर आए। वार्न पर जयपुर में आईपीएल मैच के बाद दीक्षित का सार्वजनिक तौर पर अपमान करने का आरोप लगाया गया। दीक्षित ने आरोप लगाया कि वार्न ने उन्हें झूठा और दंभी कहा था। बाद में राजस्थान रॉयल्स की मालकिन शिल्पा शेट्टी ने आकर दोनों के बीच झगड़ा खत्म करवाया था।