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This Article is From May 31, 2011

आफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान शाहिद आफ़रीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फ़ैसला किया है।
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के आक्रामक आलराउंडर शाहिद आफरीदी ने राष्ट्रीय एकदिवसीय टीम की कप्तानी से हटाए जाने के विरोध में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। इस आलराउंडर ने साथ ही कहा कि जब तक एजाज बट की अध्यक्षता वाला मौजूदा बोर्ड बरकरार रहेगा तब तक वह क्रिकेट में वापसी की संभावना पर विचार नहीं करेंगे। नाराज आफरीदी ने कहा, लोगों ने मुझे काफी सम्मान और प्यार दिया है और मैं इस बोर्ड के साथ काम करके इसे बरबाद नहीं करना चाहता जिसे यह भी नहीं पता कि खिलाड़ियों का सम्मान कैसे करते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर निशाना साधते हुए 31 वर्षीय आफरीदी ने प्रशासकों के मौजूदा समूह को निम्नस्तरीय लोग बताया। एकदिवसीय टीम की कप्तानी से हटाए जाने के विरोध में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने की घोषणा करने वाले आफरीदी ने जियो न्यूज चैनल से कहा कि उनके लिए उनके आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है। इस अनुभवी आलराउंडर ने कहा कि जब तक एजाज बट की अध्यक्षता वाला मौजूदा बोर्ड बरकरार रहेगा तब तक वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलेंगे। उन्होंने कहा, मैं यह साफ करना चाहता हूं कि जब तक मौजूदा बोर्ड रहेगा तब तक मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलूंगा। जब ये अधिकारी चले जाएंगे और अगर लोग चाहेंगे कि मैं खेलूं तो मैं वापसी पर विचार कर सकता हूं।आफरीदी ने हालांकि कहा कि वह घरेलू और लीग मैचों में खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, मैं घरेलू और लीग क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं। इस बोर्ड में मेरी कोई कदर नहीं है जिसने मुझे कप्तान के रूप में बख्रास्त करने का ना तो कोई कारण और ना ही मेरा पक्ष सुनने की कोशिश की। उन्होंने कहा, मैं इस तरह के निम्नस्तरीय लोगों के साथ काम करना नहीं चाहता। मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस आधार पर मुझे कप्तानी से बख्रास्त किया। मैंने बिखरी हुई टीम को संवारने में कड़ी मेहनत की और इसे जुझारू टीम में बदला। हम विश्व कप सेमीफाइनल में खेले और इसके बावजूद उन्होंने मेरा पक्ष सुने बिना मुझे बख्रास्त कर दिया। आफरीदी ने दावा किया कि लाहौर के पंजाब प्रांत का एक समूह है जो हमेशा उनके खिलाफ रहता है। उन्होंने कहा, यह समूह हमेशा मेरे खिलाफ काम करता है। ये मेरे खिलाफ अध्यक्ष के कान भरते रहते हैं। शायद वे नहीं चाहते कि मैं खेलूं क्योंकि मैं उनकी योजना के आड़े आता हूं। इस आलराउंडर ने साथ ही आरोप लगाया कि कप्तान के रूप में टीमों के चयन के दौरान कभी उनसे सलाह मशविरा नहीं किया जाता। इसके अलावा श्रृंखला से पहले अंतिम लम्हें तक उन्हें सुनिश्चित नहीं होता कि वह कप्तान होंगे। उन्होंने कहा, इस बोर्ड ने कभी मुझे आश्वस्त नहीं किया कि मैं कप्तान रहूंगा। श्रृंखला से पहले अंतिम कुछ दिनों तक पता नहीं होता था कि मैं कप्तान रहूंगा या नहीं। मैं इस तरह के हालात में खेलना जारी नहीं रख सकता। आफरीदी ने साथ ही साफ किया कि उन्होंने संन्यास का फैसला करने से पहले अपने बड़ों और सीनियर्स ने बात की और उन्होंने उनका समर्थन किया। इस आलराउंडर ने वेस्टइंडीज से लौटने के बाद उस समय बोर्ड को नाराज कर दिया था जब उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें अपने काम में लोगों का हस्तक्षेप पसंद नहीं है। उनका संभावित इशारा चयन मुद्दों पर मुख्य कोच वकार यूनिस से मतभेद की ओर था। बोर्ड ने इसके बाद आफरीदी को नोटिस जारी किया और आयरलैंड में हुई एकदिवसीय श्रृंखला के लिए आफरीदी की जगह मिस्बाह उल हक को टीम का कप्तान बना दिया। कप्तानी से हटाये जाने के बाद आफरीदी टीम से भी हट गये। उन्होंने बोर्ड से कहा कि वह अपने बीमार पिता के साथ समय बिताना चाहते हैं जो अमेरिका में उपचार करा रहे हैं। आफरीदी ने अपने बयानों का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ सच बोला था। इस आलराउंडर ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लार्डस में पहला टेस्ट हारने के बाद टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया था। उन्होंने 325 एकदिवसीय मैचों में 23.49 की औसत से 6695 रन बनाये। उनका स्ट्राइक रेट 113.2 रहा। उन्होंने 34.22 की औसत से 315 विकेट भी चटकाये। उनके नाम एकदिवसीय मैचों में सबसे तेज 37 गेंद में शतक बनाने का रिकॉर्ड भी है। आफरीदी ने 43 ट्वेंटी20 मैचों में 683 रन बनाने के अलावा 53 विकेट चटकाये जबकि 27 टेस्ट में 1716 रन बनाने के अलावा 48 विकेट हासिल किए।

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