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This Article is From Aug 09, 2016

रियो ओलिंपिक : रोइंग स्कल्स क्वार्टरफाइनल्स में भारतीय रोवर दत्तू बब्बन भोकानल चौथे स्थान पर, पदक रेस से बाहर

रियो ओलिंपिक : रोइंग स्कल्स क्वार्टरफाइनल्स में भारतीय रोवर दत्तू बब्बन भोकानल चौथे स्थान पर, पदक रेस से बाहर
दत्तू बब्बन भोकानल (फाइल फोटो)
  • क्रोशिया, ग्रेट ब्रिटेन, पोलैंड के रोवरों का पहले तीन स्थानों पर कब्जा
  • बोकानल ने क्वालिफाइंग राउंड में तीसरा स्थान हासिल किया था
  • आरंभ के 500 मीटर तक दत्तू तीसरे स्थान पर रहे थे
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नई दिल्ली: भारतीय नौकाचालक दत्तू बब्बन भोकानल पुरुषों के एकल स्कल के क्वार्टर फाइनल में चौथे स्थान पर रहते हुए मंगलवार को रियो ओलिंपिक खेलों में पदक की दौड़ से बाहर हो गए।

भोकानल ने 2,000 मीटर की दूरी 6 मिनट 59.89 सेकेंड में तय की जो चौथे क्वार्टरफाइनल में तीसरे और आखिरी क्वालीफायर पोलैंड के नैटन वेग्रजिस्की के 6 मिनट 53.52 सेकेंड से 6 सेकेंड से थोड़ा ज्यादा थी। लंदन ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाले क्रोएशिया के डैमिर मार्टिन ने 6 मिनट 44.44 सेकेंड का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया जबकि ग्रेट ब्रिटेन के एलन कैंपबेल ने 6 मिनट 49.41 का समय लेकर दूसरा स्थान हासिल किया।

सेना के खिलाड़ी भोकानल ने हीट में 7 मिनट 21.67 का समय लेकर क्वालीफाई किया था। बता दें उनकी मां इस समय बीमार हैं और भारत में एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। उन्होंने आज अच्छी शुरुआत की और 500 मीटर की दूरी तय करने के लिहाज से दूसरे स्थान पर थे लेकिन इसके बाद वह पिछड़ गए। देश के एकमात्र नौकाचालक भोकानल अब निचले स्थानों के लिए प्रतिस्पर्धा खेलेंगे।

इस स्पर्धा में कुल छह हीट आयोजित होती है और प्रत्येक हीट में छह खिलाड़ी होते हैं. प्रत्येक हीट से शीर्ष-3 को क्वार्टर फाइनल में जगह मिलती है.

दत्तू बबन भोकानल ने दक्षिण कोरिया में फिसा एशिया ओशियाना ओलिंपिक क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में पुरुषों के एकल स्कल वर्ग में रजत पदक जीतकर रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था. दत्तू सेना में हैं. दत्तू ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में दिए कई बार कहा था कि पहले उन्हें पानी से डर लगता था, लेकिन अब उन्होंने पानी के सबसे मुश्किल खेल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में जगह बना ली है.

नाविक दत्तू भोकनाल के  बारे में कुछ बातें -
- 23 साल के भोकनाल ने क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में दो किलोमीटर का सफर तय करने के लिए सात मिनट और 7.49 सेकंड का समय लिया था।
- अब उनका सपना देश के लिए मेडल जीतना है। लेकिन यहां देश में उनकी मां आशा भावना भोकनाल बीमार हैं। उनका कुछ दिन पहले एक्सीडेंट हुआ था।
- मां के एक्सीडेंट के वक्त दत्तू साउथ कोरिया में क्वालिफाइंग इवेंट में थे।
- इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि देश वापसी के बाद मां के इलाज के लिए दत्तू को घर बेचना पड़े और कुछ उधार भी लेना पड़े। उनका इलाज दिल्ली में किसी स्पेशलिस्ट से कराया जाएगा।
- दत्तू आर्मी में हैं और उनकी मां का शुरुआती इलाज भी सेना ने ही कराया है। छोटा भाई भी आर्मी ज्वाइन करने के लिए ट्रेनिंग कर रहा है।
- कोच पॉल मोखा कहते हैं- "दत्तू में तमाम मुसीबतों से जूझकर अपने टारगेट को हासिल करने की गजब की काबिलियत है।"

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