प्रतीकात्मक फोटो
रियो डि जेनेरो:
ब्राजील के महानगर रियो डी जनेरियो में सात सितंबर से शुरू होने वाले पैरालंपिक खेलों में दो रिफ्यूजी खिलाड़ियों का एक दल भी हिस्सा लेगा. इस बात की घोषणा अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) ने की है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सीरिया में जन्मे और ग्रीस में रह रहे तैराक इब्राहिम अल हुसैन और ईरान में पैदा हुए लेकिन अमेरिका में रह रहे चक्का फेंक खिलाड़ी शहराद नासाजपोर अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक एथलीट (आईपीए) टीम के नाम के तहत रियो पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे.
27 वर्षीय अल हुसैन रियो ओलिंपिक में टॉर्च रिले से चर्चा में आए थे. उन्होंने ग्रीस के एथेंस में मशाल हाथ में ली थी. वह अभी ग्रीस में हेलेनिक पैरालंपिक समिति के मदद से अभ्यास कर रहे हैं. वह 50 मीटर और 100 मीटर फ्री स्टाइल स्पर्धा में हिस्सा लेंगे.
रियो ओलिंपिक में मशाल थामने के बाद अल हुसैन ने कहा कि पैरालंपिक खेलों में खेलना अच्छा होगा और अब ऐसा लग रहा है कि उनका यह सपना सच होगा. उन्होंने मंगलवार को कहा, "मैं पिछले 22 साल से यह सपना देख रहा था."
उन्होंने कहा, "मैंने जब अपना पैर खो दिया था, तब मुझे लगा कि अब मेरा सपना पूरा नहीं हो पाएगा. लेकिन, अब मैं हकीकत में अपने सपने को जीने जा रहा हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं रियो जाऊंगा. मैं सभी चोटिल खिलाड़ियों को संदेश देना चाहता हूं कि वे भी अपने सपने को सच कर सकते हैं."
नासाजपोर डिस्कस स्पर्धा में हिस्सा लेंगे. वह सेरेबरल पाल्सी से पीड़ित हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, सीरिया में जन्मे और ग्रीस में रह रहे तैराक इब्राहिम अल हुसैन और ईरान में पैदा हुए लेकिन अमेरिका में रह रहे चक्का फेंक खिलाड़ी शहराद नासाजपोर अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक एथलीट (आईपीए) टीम के नाम के तहत रियो पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेंगे.
27 वर्षीय अल हुसैन रियो ओलिंपिक में टॉर्च रिले से चर्चा में आए थे. उन्होंने ग्रीस के एथेंस में मशाल हाथ में ली थी. वह अभी ग्रीस में हेलेनिक पैरालंपिक समिति के मदद से अभ्यास कर रहे हैं. वह 50 मीटर और 100 मीटर फ्री स्टाइल स्पर्धा में हिस्सा लेंगे.
रियो ओलिंपिक में मशाल थामने के बाद अल हुसैन ने कहा कि पैरालंपिक खेलों में खेलना अच्छा होगा और अब ऐसा लग रहा है कि उनका यह सपना सच होगा. उन्होंने मंगलवार को कहा, "मैं पिछले 22 साल से यह सपना देख रहा था."
उन्होंने कहा, "मैंने जब अपना पैर खो दिया था, तब मुझे लगा कि अब मेरा सपना पूरा नहीं हो पाएगा. लेकिन, अब मैं हकीकत में अपने सपने को जीने जा रहा हूं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि मैं रियो जाऊंगा. मैं सभी चोटिल खिलाड़ियों को संदेश देना चाहता हूं कि वे भी अपने सपने को सच कर सकते हैं."
नासाजपोर डिस्कस स्पर्धा में हिस्सा लेंगे. वह सेरेबरल पाल्सी से पीड़ित हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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