भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के विवादों से भरे चुनावों में उस वक्त नाटकीय मोड़ आ गया, जब रणधीर सिंह ने घोषणा की कि वह अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन वापस लेने जा रहे हैं।
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नई दिल्ली:
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के विवादों से भरे चुनावों में उस वक्त नाटकीय मोड़ आ गया, जब रणधीर सिंह ने घोषणा की कि वह अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन वापस लेंगे।
रणधीर अपना नामांकन वापस लेने के लिए निर्वाचन अधिकारी न्यायाधीश वीके बाली से मिलेंगे, जिससे पांच दिसंबर को होने वाले चुनावों में नया मोड़ आ गया है। रणधीर ने कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए चलाये जा रहे अभियान से उन्हें दुख होता है और इनके कारण ही वह चुनावों से नाम वापस ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, आईओए के कुछ लोग मेरी छवि खराब करने और मेरा अपमान करने के लिए अभियान चला रहे हैं। मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा, लेकिन मैं इस स्तर तक नहीं गिरना चाहता। उन्होंने कहा कि उनके विरोधी यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आईओसी का सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता, लेकिन आईओए के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो आईओसी सदस्य को चुनाव लड़ने से रोकता हो।
रणधीर अपना नामांकन वापस लेने के लिए निर्वाचन अधिकारी न्यायाधीश वीके बाली से मिलेंगे, जिससे पांच दिसंबर को होने वाले चुनावों में नया मोड़ आ गया है। रणधीर ने कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए चलाये जा रहे अभियान से उन्हें दुख होता है और इनके कारण ही वह चुनावों से नाम वापस ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, आईओए के कुछ लोग मेरी छवि खराब करने और मेरा अपमान करने के लिए अभियान चला रहे हैं। मैं उन्हें बेनकाब कर दूंगा, लेकिन मैं इस स्तर तक नहीं गिरना चाहता। उन्होंने कहा कि उनके विरोधी यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आईओसी का सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता, लेकिन आईओए के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो आईओसी सदस्य को चुनाव लड़ने से रोकता हो।
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