जीआरपी के एडिश्नल डीजी का दावा है कि अरुणिमा तनाव में थी और जिस चेन के छीने जाने की बात वह कह रही थी, वह उसी के पर्स से बरामद हुई।
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New Delhi:
राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी अरुणिमा को ट्रेन से फेंके जाने के मामले की दो हफ्ते चली छानबीन के बाद भी रेलवे पुलिस को हादसे के कोई सबूत नहीं मिले हैं। जीआरपी के एडिश्नल डीजी एके जैन का कहना है कि अरुणिमा मानसिक तौर पर परेशान थी और उसने एकाएक ही दिल्ली आने का फैसला किया था। जैन का दावा है कि जिस चेन के छीने जाने की बात अरुणिमा कह रही थी, वह उसी के पर्स से बरामद हुई। इसके अलावा 11 अप्रैल को सीआईएसएफ का कोई टेस्ट नहीं होना था। इसके अलावा जिस दोस्त को दिल्ली में उसे मिलने आना था, उसका कहना है कि अरुणिमा बेहद तनाव और हताशा में थी। उसके साथ कोई भी लगेज नहीं था, जिससे यह पता चलता है कि यह यात्रा अचानक की गई थी। हादसे की जगह की छानबीन, अरुणिमा के फोन की डिटेल्स और उससे जुड़े लोगों से बातचीत के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है। जीआरपी ने जल्द ही मामले को सुलझाने का दावा किया है। अरुणिमा ने कहा था कि 11 अप्रैल को कुछ लोगों ने उसके गले में पड़ी सोने की चेन खींचने की कोशिश की थी। और फिर हाथापाई के दौरान उन बदमाशों ने उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था। इस हादसे के बाद डॉक्टरों को अरुणिमा उर्फ सोनू सिन्हा की बांयी टांग काटनी पड़ी।
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