भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक स्तर पर जारी तनाव को देखते हुए हॉकी इंडिया (एचआई) ने अपनी हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) में हिस्सा ले रहे नौ पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया है।
                                            
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                                                                                मुंबई: 
                                        भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक स्तर पर जारी तनाव को देखते हुए हॉकी इंडिया (एचआई) ने अपनी हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) में हिस्सा ले रहे नौ पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया है। एचआई ने यह भी कहा है कि चूंकि इसमें खिलाड़ियों का कोई दोष नहीं, लिहाजा उन्हें करार के तहत मिलने वाली राशि दी जाएगी।
एचआई के महासचिव और एचआईएल के प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने कहा, "पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ), अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) और सभी फ्रेंचाइजी टीमों के साथ बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।"
"अभूतपूर्व हालत को देखते हुए हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों का स्वदेश लौटना ही उचित रहेगा। हम नहीं चाहते कि वे किसी तरह के दबाव में खेलें।"
"चूंकि मौजूदा हालात को लेकर पाकिस्तानी खिलाड़ी दोषी नहीं, लिहाजा उन्हें तीन साल के करार के तहत मिलने वाली राशि दी जाएगी। अब फ्रेंचाइजी टीमें उनके स्थानापन्न के चयन के लिए आजाद हैं। पाक खिलाड़ियों को स्वदेश लौटाने का फैसला इसी साल के लिए मान्य है और 2014 के लिए वे एचआईएल में खेल सकते हैं।"
एचआईएल में नौ पाकिस्तानी खिलाड़ी हिस्सा ले रहे थे। मुम्बई मैजिशियंस टीम में चार, दिल्ली वेवराइर्ड्स में दो, रांची राइनोज टीम में दो और पंजाब वॉरियर्स टीम में एक पाकिस्तानी खिलाड़ी शामिल था। उत्तर प्रदेश टीम ने किसी भी पाकिस्तानी खिलाड़ी के लिए बोली नहीं लगाई थी।
जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना के दो जवानों की नृशंस हत्या के बाद दोनों देशों के बीच सीमा और कूटनीतिक स्तर पर जारी तनाव का असर खेल के मैदान पर दिखने लगा था। इस कारण बीते कुछ समय से पाकिस्तानी खिलाड़ियों का एचआईएल में खेल पाना संदिग्ध दिखाई दे रहा था।
पहले उनके वीजा में अड़चन आई और उनका भारत आना देर से हुआ और फिर मैजिशियंस के अभ्यास स्थल मुम्बई में शिव सेना ने हंगामा किया। एचआईएल के उद्घाटन मैच के दौरान सोमवार को भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर विरोध के स्वर मुखर हुए थे।
इस बात का संकेत पंजाब वॉरियर्स और दिल्ली वेवराइर्ड्स टीमों के बीच ध्यानचंद स्टेडियम में सोमवार को खेले गए उद्घाटन मुकाबले के दौरान ही दिखे थे। इन दो टीमों ने अपने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मैदान पर नहीं उतारा था।
एचआईएल का यह फैसला आने से पहले ही फ्रेंचाइजी टीम मुम्बई मैजिशियंस ने अपने चार करारबद्ध पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया था।
मैजिशियंस को अब अपने चार पाकिस्तानी खिलाड़ियों के स्थानापन्न की तलाश है। ये खिलाड़ी हैं फरीद अहमद, इमरान बट्ट, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद तौसीक। फ्रेंचाइजी भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों से इनकी भरपाई करने को इच्छुक है।
मुम्बई मैजिशियंस टीम के मालिक अमित बर्मन ने कहा, "लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया है। हमने यह फैसला अपने स्तर पर ही किया है।"
                                                                        
                                    
                                एचआई के महासचिव और एचआईएल के प्रमुख नरेंद्र बत्रा ने कहा, "पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ), अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) और सभी फ्रेंचाइजी टीमों के साथ बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।"
"अभूतपूर्व हालत को देखते हुए हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों का स्वदेश लौटना ही उचित रहेगा। हम नहीं चाहते कि वे किसी तरह के दबाव में खेलें।"
"चूंकि मौजूदा हालात को लेकर पाकिस्तानी खिलाड़ी दोषी नहीं, लिहाजा उन्हें तीन साल के करार के तहत मिलने वाली राशि दी जाएगी। अब फ्रेंचाइजी टीमें उनके स्थानापन्न के चयन के लिए आजाद हैं। पाक खिलाड़ियों को स्वदेश लौटाने का फैसला इसी साल के लिए मान्य है और 2014 के लिए वे एचआईएल में खेल सकते हैं।"
एचआईएल में नौ पाकिस्तानी खिलाड़ी हिस्सा ले रहे थे। मुम्बई मैजिशियंस टीम में चार, दिल्ली वेवराइर्ड्स में दो, रांची राइनोज टीम में दो और पंजाब वॉरियर्स टीम में एक पाकिस्तानी खिलाड़ी शामिल था। उत्तर प्रदेश टीम ने किसी भी पाकिस्तानी खिलाड़ी के लिए बोली नहीं लगाई थी।
जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना के दो जवानों की नृशंस हत्या के बाद दोनों देशों के बीच सीमा और कूटनीतिक स्तर पर जारी तनाव का असर खेल के मैदान पर दिखने लगा था। इस कारण बीते कुछ समय से पाकिस्तानी खिलाड़ियों का एचआईएल में खेल पाना संदिग्ध दिखाई दे रहा था।
पहले उनके वीजा में अड़चन आई और उनका भारत आना देर से हुआ और फिर मैजिशियंस के अभ्यास स्थल मुम्बई में शिव सेना ने हंगामा किया। एचआईएल के उद्घाटन मैच के दौरान सोमवार को भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की भागीदारी को लेकर विरोध के स्वर मुखर हुए थे।
इस बात का संकेत पंजाब वॉरियर्स और दिल्ली वेवराइर्ड्स टीमों के बीच ध्यानचंद स्टेडियम में सोमवार को खेले गए उद्घाटन मुकाबले के दौरान ही दिखे थे। इन दो टीमों ने अपने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को मैदान पर नहीं उतारा था।
एचआईएल का यह फैसला आने से पहले ही फ्रेंचाइजी टीम मुम्बई मैजिशियंस ने अपने चार करारबद्ध पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया था।
मैजिशियंस को अब अपने चार पाकिस्तानी खिलाड़ियों के स्थानापन्न की तलाश है। ये खिलाड़ी हैं फरीद अहमद, इमरान बट्ट, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद तौसीक। फ्रेंचाइजी भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों से इनकी भरपाई करने को इच्छुक है।
मुम्बई मैजिशियंस टीम के मालिक अमित बर्मन ने कहा, "लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उनके देश लौटाने का फैसला किया है। हमने यह फैसला अपने स्तर पर ही किया है।"
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