लंदन ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के साथ मार्च पास्ट में चलने वाली रहस्यमयी महिला मधुरा नागेंद्र के पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी को आधिकारिक तौर पर नृत्य कार्यक्रम के लिए चुना गया था।
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बेंगलुरू:
लंदन ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के साथ मार्च पास्ट में चलने वाली रहस्यमयी महिला मधुरा नागेंद्र के पिता ने दावा किया कि उनकी बेटी को आधिकारिक तौर पर नृत्य कार्यक्रम के लिए चुना गया था।
लाल रंग की कमीज और नीले रंग की पैंट पहने मधुरा को मार्च पास्ट के दौरान बीजिंग ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के पास में चलते हुए देखा गया था। उसकी अवांछित उपस्थिति से भारतीय दल नाराज हो गया था क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वह कौन थी। इस लड़की के पिता के नागेंद्र ने हालांकि कहा कि वह घुसपैठिया नहीं थी और सुरक्षा में भी किसी तरह की चूक नहीं हुई। उन्होंने इसके साथ ही इस विवादास्पद घटना के लिये माफी भी मांगी।
मधुरा के पिता के नागेंद्र ने कहा, ‘मेरी बेटी मधुरा को डैनी बोएल द्वारा तैयार किए गए उद्घाटन समारोह में नृत्य कार्यक्रम के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया था।’
नागेंद्र ने कहा कि उनकी बेटी उद्घाटन समारोह के लिए चुने गए अन्य भागीदारों के साथ पिछले कई महीनों से नृत्य का अभ्यास कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय होने के कारण लंदन ओलिंपिक की आयोजन समिति ने शायद उसे टीम को स्टेडियम के अंदर तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। इससे हो सकता है कि हमारी टीम की भावनाएं आहत हुई हो। मुझे इसके लिए खेद है।’
लाल रंग की कमीज और नीले रंग की पैंट पहने मधुरा को मार्च पास्ट के दौरान बीजिंग ओलिंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के पास में चलते हुए देखा गया था। उसकी अवांछित उपस्थिति से भारतीय दल नाराज हो गया था क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वह कौन थी। इस लड़की के पिता के नागेंद्र ने हालांकि कहा कि वह घुसपैठिया नहीं थी और सुरक्षा में भी किसी तरह की चूक नहीं हुई। उन्होंने इसके साथ ही इस विवादास्पद घटना के लिये माफी भी मांगी।
मधुरा के पिता के नागेंद्र ने कहा, ‘मेरी बेटी मधुरा को डैनी बोएल द्वारा तैयार किए गए उद्घाटन समारोह में नृत्य कार्यक्रम के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया था।’
नागेंद्र ने कहा कि उनकी बेटी उद्घाटन समारोह के लिए चुने गए अन्य भागीदारों के साथ पिछले कई महीनों से नृत्य का अभ्यास कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय होने के कारण लंदन ओलिंपिक की आयोजन समिति ने शायद उसे टीम को स्टेडियम के अंदर तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा था। इससे हो सकता है कि हमारी टीम की भावनाएं आहत हुई हो। मुझे इसके लिए खेद है।’