लिएंडर पेस (फाइल फोटो)
चेन्नई:
दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने रविवार को संकेत दिए कि वह अपने चमकदार करियर के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके हैं. हालांकि वह नवनियुक्त गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति के नेतृत्व में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिये तैयार हैं. पेस से पूछा गया कि अगर वह डेविस कप में रिकार्ड 43वीं जीत हासिल करने में सफल रहते हैं तो क्या संन्यास पर विचार करेंगे, उन्होंने कहा, "आप को पता चल जाएगा."
चेन्नई ओपन के लिये यहां आए पेस ने कहा, "मैं अब मजे के लिये खेलता हूं. मैं इसलिए खेलता हूं क्योंकि मुझे यह खेल पसंद है क्योंकि मैं इस खेल के प्रति जुनूनी हूं. एक समय आएगा. जबकि मुझे खेल छोड़ना होगा. वह समय आने से पहले सभी का शुक्रिया. यह शानदार सफर रहा. आप सभी ने 20 वर्ष तक मेरा अच्छा साथ दिया इसलिए आभार."
महेश भूपति अब भारतीय डेविस कप टीम के गैरखिलाड़ी कप्तान बन गए हैं और पेस से इस बारे में सवाल किए गए क्योंकि उनके अपने पूर्व साथी के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे. पेस ने कहा, "कप्तान के पास योग्यता होनी चाहिए और उनके (भूपति) पास कप्तान बनने के लिए सभी योग्यताएं हैं. अगले 18 महीनों में हम देखेंगे कि क्या होता है."
पेस से पूछा गया कि क्या भूपति के कप्तान बनने से वह सहज महसूस करेंगे, उन्होंने कहा, "क्यों नहीं. " उन्होंने कहा, "देश पहले आता है. कोई अहं भाव नहीं. जहां तक मेरा सवाल है तो मेरे अंदर कभी अहं भाव नहीं रहा. यदि आपको उत्कृष्टता हासिल करनी है तो आपको जिंदगी का विद्यार्थी होना होगा. कप्तान बेंच पर बैठता है. आपकी कुछ चीजों में मदद करता लेकिन आखिर में मैं वहां देश का प्रतिनिधित्व कर रहा होता हूं."
पेस ने कहा, "इसलिए चाहे वह रमेश कृष्णन, एसपी मिश्रा, नरेश कुमार, आनंद अमृतराज या जयदीप मुखर्जी या महेश कोई भी कप्तान हो, मेरा एक ही काम है अपने देश का प्रतिनिधित्व करना."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चेन्नई ओपन के लिये यहां आए पेस ने कहा, "मैं अब मजे के लिये खेलता हूं. मैं इसलिए खेलता हूं क्योंकि मुझे यह खेल पसंद है क्योंकि मैं इस खेल के प्रति जुनूनी हूं. एक समय आएगा. जबकि मुझे खेल छोड़ना होगा. वह समय आने से पहले सभी का शुक्रिया. यह शानदार सफर रहा. आप सभी ने 20 वर्ष तक मेरा अच्छा साथ दिया इसलिए आभार."
महेश भूपति अब भारतीय डेविस कप टीम के गैरखिलाड़ी कप्तान बन गए हैं और पेस से इस बारे में सवाल किए गए क्योंकि उनके अपने पूर्व साथी के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे. पेस ने कहा, "कप्तान के पास योग्यता होनी चाहिए और उनके (भूपति) पास कप्तान बनने के लिए सभी योग्यताएं हैं. अगले 18 महीनों में हम देखेंगे कि क्या होता है."
पेस से पूछा गया कि क्या भूपति के कप्तान बनने से वह सहज महसूस करेंगे, उन्होंने कहा, "क्यों नहीं. " उन्होंने कहा, "देश पहले आता है. कोई अहं भाव नहीं. जहां तक मेरा सवाल है तो मेरे अंदर कभी अहं भाव नहीं रहा. यदि आपको उत्कृष्टता हासिल करनी है तो आपको जिंदगी का विद्यार्थी होना होगा. कप्तान बेंच पर बैठता है. आपकी कुछ चीजों में मदद करता लेकिन आखिर में मैं वहां देश का प्रतिनिधित्व कर रहा होता हूं."
पेस ने कहा, "इसलिए चाहे वह रमेश कृष्णन, एसपी मिश्रा, नरेश कुमार, आनंद अमृतराज या जयदीप मुखर्जी या महेश कोई भी कप्तान हो, मेरा एक ही काम है अपने देश का प्रतिनिधित्व करना."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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