खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को आईओसी से भारत को ओलिंपिक अभियान में वापस लाने में ‘मदद’ के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक खेल प्रशासन का संबंध है तो देश ‘दोराहे’ पर खड़ा है।
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लुसान:
खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को आईओसी से भारत को ओलिंपिक अभियान में वापस लाने में ‘मदद’ के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक खेल प्रशासन का संबंध है तो देश ‘दोराहे’ पर खड़ा है।
जितेंद्र ने लुसाने में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के मुख्यालय में अपने भाषण के दौरान कहा, ‘‘भारत में जिस तरह का खेल प्रशासन है, उसे देखते हुए हम बदलाव के दोराहे पर हैं। हम आम समझ के साथ आपके पास आए हैं। हमें उम्मीद है कि आईओसी हमें इन बदलावों को लाने में सहायता करेगा और जब हम ऐसा करेंगे तो भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय ध्वज तले भाग लेने की अनुमति देगा।’’
उन्होंने दोहराया कि भारत सरकार भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) और राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की स्वायत्ता का सम्मान करती है।
जितेंद्र ने आईओसी सदस्यों से कहा, ‘‘भारत सरकार आईओए और एनएसएफ की स्वायत्ता का सम्मान करती है। ऐसा कोई भी मामला नहीं है कि जिसमें सरकार ने एनएसएफ के दिन प्रतिदिन के कामकाज में हस्तक्षेप किया हो। यहां तक कि जब एनएसएफ में विवाद होता है तो भारत सरकार अपनी इच्छा थोपने के बजाय अंतरराष्ट्रीय महासंघ के विचार का सम्मान करने को तरजीह देती है।’’
आईओए के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह, भारतीय स्क्वाश एवं रैकेट महासंघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन, कयाकिंग और कैनोइंग महासंघ के प्रमुख एस रेगुनाथन, हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा और झारखंड ओलिंपिक संघ के प्रमुख आरके आनंद शामिल हैं। इस बैठक से पहले हालांकि उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई थी जब आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा और भारत में आईओसी सदस्य रणधीर सिंह बैठक से हट गए थे।
बैठक के लिए आईओए के पहले से ही घोषित चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अलावा बत्रा और आनंद को भी बैठक के लिए शामिल करने की आईओसी की सहमति के बाद इन दोनों ने इसका बहिष्कार किया था।
एशियाई ओलिंपिक परिषद (ओसीए) ने मंगलवार को आईओसी से कहा था कि वह निलंबित आईओए के अधिकारियों से बातचीत नहीं करे और बैठक को जून के मध्य तक स्थगित कर दे लेकिन आज की बैठक में ओसीए का प्रतिनिधित्व उसके एशियाई खेलों के विभाग के निदेशक हैदर फरमान ने किया।
दिन की शुरुआत आईओए प्रतिनिधिमंडल की आईओसी के साथ बैठक के साथ हुई जो डेढ़ घंटा चली। इसके बाद खेल मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने लगभग एक घंटे तक आईओसी के साथ बैठक की।
इन दोनों शुरुआती बैठकों के बाद एक संयुक्त बैठक हुई जिसमें प्रतिनिधियों ने विवादास्पद खेल विधेयक और आईओए संविधान में संशोधन पर अपना पक्ष रखा। पता चला है कि आईओए प्रतिनिधिमंडल सैद्धांतिक तौर पर आयु और कार्यकाल संबंधी शर्तों पर राजी हो गया है और वह ओलिंपिक चार्टर के तहत कुछ सुधारों को लागू करने का भी इच्छुक है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया शुरू करना है और हम कुछ हद तक आगे बढ़े हैं। हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।’’ आईओसी के इस मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने की उम्मीद है।
(इनपुट भाषा से भी)
जितेंद्र ने लुसाने में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के मुख्यालय में अपने भाषण के दौरान कहा, ‘‘भारत में जिस तरह का खेल प्रशासन है, उसे देखते हुए हम बदलाव के दोराहे पर हैं। हम आम समझ के साथ आपके पास आए हैं। हमें उम्मीद है कि आईओसी हमें इन बदलावों को लाने में सहायता करेगा और जब हम ऐसा करेंगे तो भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय ध्वज तले भाग लेने की अनुमति देगा।’’
उन्होंने दोहराया कि भारत सरकार भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) और राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की स्वायत्ता का सम्मान करती है।
जितेंद्र ने आईओसी सदस्यों से कहा, ‘‘भारत सरकार आईओए और एनएसएफ की स्वायत्ता का सम्मान करती है। ऐसा कोई भी मामला नहीं है कि जिसमें सरकार ने एनएसएफ के दिन प्रतिदिन के कामकाज में हस्तक्षेप किया हो। यहां तक कि जब एनएसएफ में विवाद होता है तो भारत सरकार अपनी इच्छा थोपने के बजाय अंतरराष्ट्रीय महासंघ के विचार का सम्मान करने को तरजीह देती है।’’
आईओए के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय तीरंदाजी संघ के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह, भारतीय स्क्वाश एवं रैकेट महासंघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन, कयाकिंग और कैनोइंग महासंघ के प्रमुख एस रेगुनाथन, हॉकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा और झारखंड ओलिंपिक संघ के प्रमुख आरके आनंद शामिल हैं। इस बैठक से पहले हालांकि उस समय अजीब स्थिति पैदा हो गई थी जब आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष वीके मल्होत्रा और भारत में आईओसी सदस्य रणधीर सिंह बैठक से हट गए थे।
बैठक के लिए आईओए के पहले से ही घोषित चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अलावा बत्रा और आनंद को भी बैठक के लिए शामिल करने की आईओसी की सहमति के बाद इन दोनों ने इसका बहिष्कार किया था।
एशियाई ओलिंपिक परिषद (ओसीए) ने मंगलवार को आईओसी से कहा था कि वह निलंबित आईओए के अधिकारियों से बातचीत नहीं करे और बैठक को जून के मध्य तक स्थगित कर दे लेकिन आज की बैठक में ओसीए का प्रतिनिधित्व उसके एशियाई खेलों के विभाग के निदेशक हैदर फरमान ने किया।
दिन की शुरुआत आईओए प्रतिनिधिमंडल की आईओसी के साथ बैठक के साथ हुई जो डेढ़ घंटा चली। इसके बाद खेल मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने लगभग एक घंटे तक आईओसी के साथ बैठक की।
इन दोनों शुरुआती बैठकों के बाद एक संयुक्त बैठक हुई जिसमें प्रतिनिधियों ने विवादास्पद खेल विधेयक और आईओए संविधान में संशोधन पर अपना पक्ष रखा। पता चला है कि आईओए प्रतिनिधिमंडल सैद्धांतिक तौर पर आयु और कार्यकाल संबंधी शर्तों पर राजी हो गया है और वह ओलिंपिक चार्टर के तहत कुछ सुधारों को लागू करने का भी इच्छुक है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य प्रतिबंध हटाने की प्रक्रिया शुरू करना है और हम कुछ हद तक आगे बढ़े हैं। हम उम्मीद करते हैं कि प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।’’ आईओसी के इस मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करने की उम्मीद है।
(इनपुट भाषा से भी)
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