टीम इंडिया के नए कोच डंकन फ्लेचर ने इस बात से इनकार किया कि भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग में तानाशाही शैली चल पाएगी।
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चेन्नई:
टीम इंडिया के नए कोच डंकन फ्लेचर ने इस बात से इनकार किया कि भारतीय क्रिकेट टीम की कोचिंग में तानाशाही शैली चल पाएगी। जिम्बाब्वे के इस कोच ने कहा कि वह किसी भी प्रकार के बदलाव से पहले खिलाड़ियों से बातचीत करेंगे। फ्लेचर ने कहा कि उनकी पिछले कोच गैरी कर्स्टन से पहले ही बात हो चुकी है। कर्स्टन की अगुवाई में ही भारतीय टीम ने 28 साल के बाद विश्व कप जीता था। कर्स्टन ने न सिर्फ भारतीय क्रिकेटरों में बल्कि प्रशासन में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है और फ्लेचर ने कहा कि उनकी नीति भी कर्स्टन से बहुत ज्यादा अलग नहीं होगी। भारतीय टीम के कोच नियुक्त होने के बाद पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फ्लेचर ने कहा, टीम को तैयार करने में मैं बहुत ज्यादा बड़े बदलाव लाने के पक्ष में नहीं हूं। मैंने भारतीय क्रिकेट का प्रदर्शन विश्व कप और दक्षिण अफ्रीका के समय देखा था और मैं अब टीम से जुड़ने के बाद ही अपनी भावी नीति के बारे में विचार करूंगा और कुछ बदलाव की जरूरत अगर महसूस होती है तो करूंगा। कोच ने कहा कि वे जिस जगह पर हैं, वहां से कोई तानाशाही शैली नहीं अपनाई जा सकती। फ्लेचर ने कहा, यह मेरे लिए नई चुनौती है। मैंने कोच गैरी के अलावा गेंदबाजी कोच एरिक सिमन्स से सलाह की है। मैंने कप्तान एमएस धोनी से बात की है। विश्व चैम्पियन टीम को कोचिंग देना मेरे लिए बहुत ही रोमांचक काम है। यह उच्च स्तर का काम है।
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