इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में गजब की प्रगति करके अब दुनिया में नंबर एक स्थान हासिल किया है लेकिन वन डे में उसकी स्थिति डांवाडोल रही है।
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New Delhi:
इंग्लैंड ने पिछले तीन साल में टेस्ट क्रिकेट में गजब की प्रगति करके अब दुनिया में नंबर एक स्थान हासिल किया है लेकिन वन डे में उसकी स्थिति हमेशा डांवाडोल रही और यहां तक कि अपनी सरजमीं पर भी उसे जीत दर्ज करने के लिए जूझना पड़ा। इंग्लैंड कभी टेस्ट मैचों के अपने प्रदर्शन को वनडे में तब्दील नहीं कर पाया जबकि हाल में सपंन्न हुई टेस्ट श्रृंखला से पहले भारत ने दोनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है। यदि वह सीमित ओवरों में अपनी लय बरकरार रखता है तो विश्व चैंपियन इसी दौरे में टेस्ट मैचों की हार का दर्द कुछ करने में सफल रहेगा। भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 71 एकदिवसीय मैच खेले गए हैं। इनमें से भारत ने 38 और इंग्लैंड ने 30 में जीत दर्ज की है। भारत ने इनमें से 11 मैच इंग्लैंड की सरजमीं पर जीते हैं। पिछले तीन साल में इनका एकदिवसीय मैचों में प्रदर्शन दोनों टीमों के बीच साफ अंतर दर्शाता है। भारत ने पिछले तीन साल में 85 मैच खेलकर 57 में जीत दर्ज की। उसने इंग्लैंड के खिलाफ छह में से पांच मैच जीते और जबकि एक मैच टाई रहा। इसके विपरीत इंग्लैंड ने इस दौरान जो 67 मैच खेले उनमें से 33 में उसे जीत और 32 में हार मिली। उसने इस बीच अपनी धरती पर 31 मैच में से 13 मैच में हार का मुंह देखा। इन दोनों देशों के बीच अब तक चार या इससे अधिक मैचों की सात द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेली गयी हैं जिनमें से भारत ने तीन और इंग्लैंड ने दो में जीत दर्ज की जबकि दो अन्य श्रृंखलाएं 3-3 के समान अंतर से बराबर छूटी थी। भारत पिछले दस साल से वन डे में इंग्लैंड पर काफी हावी रहा। इस दौरान उसने इस प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेले गए 35 मैच में से 22 में जीत दर्ज की जबकि 11 में उसे हार मिली।
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