चीन, दक्षिण कोरिया और इंडानेशिया की महिला बैडमिंटन युगल खिलाड़ियों के मैच फिक्सिंग में फंसने के बाद भारत ने बुधवार को अन्य मैचों पर सवाल उठाते हुए आयोजन समिति से जापान और चीनी ताइपै की खिलाड़ियों के ग्रुप मैच को खेल भावना के अंतर्गत नहीं खेलने के संदर्भ म
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लंदन:
चीन, दक्षिण कोरिया और इंडानेशिया की महिला बैडमिंटन युगल खिलाड़ियों के मैच फिक्सिंग में फंसने के बाद भारत ने बुधवार को अन्य मैचों पर सवाल उठाते हुए आयोजन समिति से जापान और चीनी ताइपै की खिलाड़ियों के ग्रुप मैच को खेल भावना के अंतर्गत नहीं खेलने के संदर्भ में विरोध दर्ज कराया था लेकिन इसे खारिज कर दिया गया।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) के अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता ने बुधवार को कहा कि सबूतों की कमी के कारण इस अधिकारिक विरोध को खारिज कर दिया।
दास गुप्ता ने कहा, ‘‘बाइ की तरफ से हमने यह कहते हुए विरोध दर्ज किया था कि जापान और चीनी ताइपै के बीच मैच भी फिक्स था जिसमें जापान ने जानबूझकर मैच खो दिया ताकि अगले राउंड में उसे बेहतर ड्रा मिल सके। इसी कारण भारत को अगले राउंड में क्वालीफाई करने का मौका नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब, उन्होंने हमारा विरोध खारिज कर दिया है। हम भी इससे हैरान हैं। एक दिन पहले हमने चीनी ताइपै को हराया और वे क्वालीफाई कर गये हैं और हमें इसलिये क्वालीफाई नहीं किया गया क्योंकि जापानी टीम जानबूझकर हार गयी।’’ दास गुप्ता ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि खिलाड़ियों को आरोपी ठहराने के लिये वे सबूत नहीं ढूंढ पाये। इस आधार पर उन्होंने हमारी अपील खारिज कर दी।’’
भारतीय खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा महिला युगल में दो मैच जीतने के बावजूद बाहर हो गयी थी जिसके बाद भारत ने खेलों के आयोजकों से आधिकारिक विरोध दर्ज कराया था।
भारतीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, ‘‘हमने आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज की है और आयोजन समिति से जापान और चीनी ताइपे के मैचों को देखने को कहा है कि ये मैच खेल भावना के अंतर्गत खेले गये थे या नहीं। मुझे लगता है कि ये खेल भावना में नहीं खेले गये थे।’’
बीती रात ज्वाला और अश्विनी पोनप्पा महज एक अंक से क्वार्टरफाइनल में प्रवेश करने से चूक गयी, हालांकि उन्होंने सिंगापुर की शिंता मुलिया सारी और लेई याओ को ग्रुप बी के अंतिम मैच में 21-16, 21-15 से हरा दिया था। भारतीय टीम जीत की संख्या में जापान और ताइपे के साथ संयुक्त रूप से बराबरी पर थी। भारत के बीती रात अंतिम ग्रुप से पहले दुनिया की पांचवें नंबर की जापानी जोड़ी मिजुकी फुजी और रेका काकिवा एक अन्य मुकाबले में दुनिया की 10वीं रैंकिंग की चीनी ताइपे की चेंग वेन सिंग और चिएन यु चिन से 19-21, 11-21 से उलटफेर से हार गयी थी।
गोपीचंद ने कहा, ‘‘हम जिस मैच की बात कर रहे हैं, वह महिला युगल है। यह बात साफ है कि दोनों टीमें हारना चाहती थीं। उम्मीद है कि इस संबंध में कोई कार्रवाई की जायेगी। प्रणाली को बदलने की जरूरत है क्योंकि अगर खिलाड़ियों के पास विकल्प हों तो यह कहना उचित होगा कि चीनी टीम क्वार्टरफाइनल में नहीं भिड़ना चाहती थी। न तो इंडोनेशिया या कोरियाई टीम क्वार्टरफाइनल में चीन से खेलना चाहेगी।’’
गोपीचंद ने कहा, ‘‘इसलिये खिलाड़ी इस प्रणाली का इस्तेमाल पदक जीतने के लिये करने की कोशिश कर रहे हैं। वे क्या सोच रहे हैं, यह सही भी है। लेकिन हमें सुनिश्चित करना होगा कि प्रणाली फूलप्रूफ रहे और खिलाड़ियों को जानबूझकर हारने की अनुमति नहीं दी जाये।’’
गोपीचंद ने यह भी कहा, ‘‘इसके लिये एक सुझाव भी था कि सभी मैच साथ साथ खेले जायें ताकि खिलाड़ियों को आंकड़ों की गणना कर परिणाम के साथ छेड़छाड़ करने का कोई मौका नहीं मिले और हर कोई जीत के लिये खेले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप चीन का रिकार्ड देखो तो, उन्होंने ऐसा कई बार किया है। वे ऐसा कई वर्षों से करते हुए आये हैं। खिलाड़ी और अधिकारी भी इस बारे में जानते हैं।’’ ज्वाला और अश्विनी तालिका में तीन अंक के अंतर से तीसरे स्थान पर रहीं जबकि चीनी ताइपै और जापान ने ग्रुप से क्वार्टरफाइनल के लिये क्वालीफाई किया।
ताइपै, जापान और भारत प्रत्येक ने दो-दो मैच जीते और एक मैच गंवाये। लेकिन जब अंतर की गणना की गयी तो भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली युगल जोड़ी की खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा कि वे पूरी तरह से निराश हैं।
ज्वाला ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से निराश हैं। हम इतना अच्छा खेले फिर भी क्वालीफाई नहीं कर पाये क्योंकि कोई अन्य टीम जानबूझकर मैच हार रही है। हमने ओलिंपिक के लिये इतनी कड़ी मेहनत की थी और हम परिणाम देखकर हैरान रह गये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जरा देखिये किस तरह से जापानी जोड़ी चीनी ताइपै की जोड़ी से हार गयी । मैं नहीं जानती कि वे क्या सोच रही थीं लेकिन यह निराशाजनक है। इस तरह की घटनाओं से खिलाड़ी ओलिंपिक की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’ ज्वाला ने कहा कि बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) को भी जानबूझकर मैच हारने वाली इन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि बीडब्ल्यूएफ को सिर्फ इन मुद्दों को उठाना नहीं बल्कि इन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इंटरनेट पर यूट्यूब वीडियो उपलब्ध है, उन्हें उचित रूप से इसकी जांच करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि कोई कार्रवाई की जायेगी।’’
भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) के अध्यक्ष अखिलेश दास गुप्ता ने बुधवार को कहा कि सबूतों की कमी के कारण इस अधिकारिक विरोध को खारिज कर दिया।
दास गुप्ता ने कहा, ‘‘बाइ की तरफ से हमने यह कहते हुए विरोध दर्ज किया था कि जापान और चीनी ताइपै के बीच मैच भी फिक्स था जिसमें जापान ने जानबूझकर मैच खो दिया ताकि अगले राउंड में उसे बेहतर ड्रा मिल सके। इसी कारण भारत को अगले राउंड में क्वालीफाई करने का मौका नहीं मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अब, उन्होंने हमारा विरोध खारिज कर दिया है। हम भी इससे हैरान हैं। एक दिन पहले हमने चीनी ताइपै को हराया और वे क्वालीफाई कर गये हैं और हमें इसलिये क्वालीफाई नहीं किया गया क्योंकि जापानी टीम जानबूझकर हार गयी।’’ दास गुप्ता ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि खिलाड़ियों को आरोपी ठहराने के लिये वे सबूत नहीं ढूंढ पाये। इस आधार पर उन्होंने हमारी अपील खारिज कर दी।’’
भारतीय खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा महिला युगल में दो मैच जीतने के बावजूद बाहर हो गयी थी जिसके बाद भारत ने खेलों के आयोजकों से आधिकारिक विरोध दर्ज कराया था।
भारतीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, ‘‘हमने आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज की है और आयोजन समिति से जापान और चीनी ताइपे के मैचों को देखने को कहा है कि ये मैच खेल भावना के अंतर्गत खेले गये थे या नहीं। मुझे लगता है कि ये खेल भावना में नहीं खेले गये थे।’’
बीती रात ज्वाला और अश्विनी पोनप्पा महज एक अंक से क्वार्टरफाइनल में प्रवेश करने से चूक गयी, हालांकि उन्होंने सिंगापुर की शिंता मुलिया सारी और लेई याओ को ग्रुप बी के अंतिम मैच में 21-16, 21-15 से हरा दिया था। भारतीय टीम जीत की संख्या में जापान और ताइपे के साथ संयुक्त रूप से बराबरी पर थी। भारत के बीती रात अंतिम ग्रुप से पहले दुनिया की पांचवें नंबर की जापानी जोड़ी मिजुकी फुजी और रेका काकिवा एक अन्य मुकाबले में दुनिया की 10वीं रैंकिंग की चीनी ताइपे की चेंग वेन सिंग और चिएन यु चिन से 19-21, 11-21 से उलटफेर से हार गयी थी।
गोपीचंद ने कहा, ‘‘हम जिस मैच की बात कर रहे हैं, वह महिला युगल है। यह बात साफ है कि दोनों टीमें हारना चाहती थीं। उम्मीद है कि इस संबंध में कोई कार्रवाई की जायेगी। प्रणाली को बदलने की जरूरत है क्योंकि अगर खिलाड़ियों के पास विकल्प हों तो यह कहना उचित होगा कि चीनी टीम क्वार्टरफाइनल में नहीं भिड़ना चाहती थी। न तो इंडोनेशिया या कोरियाई टीम क्वार्टरफाइनल में चीन से खेलना चाहेगी।’’
गोपीचंद ने कहा, ‘‘इसलिये खिलाड़ी इस प्रणाली का इस्तेमाल पदक जीतने के लिये करने की कोशिश कर रहे हैं। वे क्या सोच रहे हैं, यह सही भी है। लेकिन हमें सुनिश्चित करना होगा कि प्रणाली फूलप्रूफ रहे और खिलाड़ियों को जानबूझकर हारने की अनुमति नहीं दी जाये।’’
गोपीचंद ने यह भी कहा, ‘‘इसके लिये एक सुझाव भी था कि सभी मैच साथ साथ खेले जायें ताकि खिलाड़ियों को आंकड़ों की गणना कर परिणाम के साथ छेड़छाड़ करने का कोई मौका नहीं मिले और हर कोई जीत के लिये खेले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप चीन का रिकार्ड देखो तो, उन्होंने ऐसा कई बार किया है। वे ऐसा कई वर्षों से करते हुए आये हैं। खिलाड़ी और अधिकारी भी इस बारे में जानते हैं।’’ ज्वाला और अश्विनी तालिका में तीन अंक के अंतर से तीसरे स्थान पर रहीं जबकि चीनी ताइपै और जापान ने ग्रुप से क्वार्टरफाइनल के लिये क्वालीफाई किया।
ताइपै, जापान और भारत प्रत्येक ने दो-दो मैच जीते और एक मैच गंवाये। लेकिन जब अंतर की गणना की गयी तो भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली युगल जोड़ी की खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा कि वे पूरी तरह से निराश हैं।
ज्वाला ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह से निराश हैं। हम इतना अच्छा खेले फिर भी क्वालीफाई नहीं कर पाये क्योंकि कोई अन्य टीम जानबूझकर मैच हार रही है। हमने ओलिंपिक के लिये इतनी कड़ी मेहनत की थी और हम परिणाम देखकर हैरान रह गये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जरा देखिये किस तरह से जापानी जोड़ी चीनी ताइपै की जोड़ी से हार गयी । मैं नहीं जानती कि वे क्या सोच रही थीं लेकिन यह निराशाजनक है। इस तरह की घटनाओं से खिलाड़ी ओलिंपिक की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’ ज्वाला ने कहा कि बैडमिंटन विश्व महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) को भी जानबूझकर मैच हारने वाली इन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि बीडब्ल्यूएफ को सिर्फ इन मुद्दों को उठाना नहीं बल्कि इन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इंटरनेट पर यूट्यूब वीडियो उपलब्ध है, उन्हें उचित रूप से इसकी जांच करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि कोई कार्रवाई की जायेगी।’’
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