भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने हाल में नए क्लब बेंगलूर फुटबॉल क्लब (बीएफसी) से करार किया है और वह क्लब के इंग्लिश मैनेजर एशले वेस्टवुड के मार्गदर्शन और उनके अनुभव से आई लीग सत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं।
                                            
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                                        भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने हाल में नए क्लब बेंगलूर फुटबॉल क्लब (बीएफसी) से करार किया है और वह क्लब के इंग्लिश मैनेजर एशले वेस्टवुड के मार्गदर्शन और उनके अनुभव से आई लीग सत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं।
छेत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बीएफसी इतना चर्चित नहीं है। अगर हम एशले वेस्टवुड की ट्रेनिंग और गुर का अच्छा इस्तेमाल करेंगे तो हम अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। कुछ भी संभव है। हम चुनौती के लिये तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एशले खुद एक खिलाड़ी थे और उन्हें फुटबॉल का अच्छा ज्ञान है और वह कड़ी मेहनत करना चाहते हैं।’’ दिल्ली के इस स्ट्राइकर ने बीएफसी और यूरोपीय क्लबों के बीच समानताओं की बात की जहां खान-पान और फिटनेस को अहमियत दी जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपने भारत में ‘हार्ट-रेट मानिटर’ के बारे में सुना है? यूरोपीय क्लबों के लिये यह सब सामान्य है।’’ छेत्री ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि ट्रेनिंग के लिये देर से आने वाले खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी को डेढ़ घंटा पहले रिपोर्ट करके साथ में नाश्ता करना होता है।’’
इस 28 वर्षीय ने कहा कि दबाव से उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि वह इन हालातों का आनंद उठाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दबाव में हूंगा तब भी मैं वैसा ही प्रदर्शन करूंगा जैसा मैं करता।’’
                                                                        
                                    
                                छेत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बीएफसी इतना चर्चित नहीं है। अगर हम एशले वेस्टवुड की ट्रेनिंग और गुर का अच्छा इस्तेमाल करेंगे तो हम अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। कुछ भी संभव है। हम चुनौती के लिये तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एशले खुद एक खिलाड़ी थे और उन्हें फुटबॉल का अच्छा ज्ञान है और वह कड़ी मेहनत करना चाहते हैं।’’ दिल्ली के इस स्ट्राइकर ने बीएफसी और यूरोपीय क्लबों के बीच समानताओं की बात की जहां खान-पान और फिटनेस को अहमियत दी जाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपने भारत में ‘हार्ट-रेट मानिटर’ के बारे में सुना है? यूरोपीय क्लबों के लिये यह सब सामान्य है।’’ छेत्री ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि ट्रेनिंग के लिये देर से आने वाले खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हर खिलाड़ी को डेढ़ घंटा पहले रिपोर्ट करके साथ में नाश्ता करना होता है।’’
इस 28 वर्षीय ने कहा कि दबाव से उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि वह इन हालातों का आनंद उठाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं दबाव में हूंगा तब भी मैं वैसा ही प्रदर्शन करूंगा जैसा मैं करता।’’
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