
विजयवाड़ा : पैदाइश के लगभग तुरन्त बाद से ही तीरंदाजी चैम्पियन के रूप में तैयार की जा रही तीन वर्ष से भी कम आयु की डॉली शिवानी चेरुकुरी ने आंध्र प्रदेश में आयोजित तीरदांजी समारोह के दौरान 388 अंक हासिल कर एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम कर दिया है।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विश्वरूप रॉय चौधरी के अनुसार, अपने जन्मदिन से नौ दिन पहले ही पांच तथा सात मीटर की दूरियों से तीरंदाज़ी कर 200 से अधिक अंक हासिल करने वाली वह सबसे कम उम्र की भारतीय बन गई है।
डॉली शिवानी चेरुकुरी का जन्म सरोगेसी तकनीक के जरिये करवाया गया था। दरअसल, उसके बड़े भाई, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर का तीरंदाज़ और कोच था, की मृत्यु वर्ष 2010 में एक सड़क हादसे में हो गई थी, और उसकी बड़ी बहन पहले ही वर्ष 2004 में चल बसी थी।
विश्वरूप रॉय चौधरी ने फोन पर कहा, "यह कारनामा करने वाली वह देश में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई है... यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसका टूटना बेहद कठिन होगा..."
डॉली के माता-पिता का कहना है कि जब उन्होंने डॉली को तीरंदाज़ी सिखानी शुरू की थी, तब उन्होंने खासतौर पर बच्ची के लिए कार्बन से तीर तैयार करवाए थे, ताकि वह उन्हें उठा सके..." तीरंदाज़ी अकादमी चलाने वाले डॉली के पिता चेरुकुरी सत्यनारायण ने बताया, "जब हमें तसल्ली हो गई कि वह अब इस खेल के लिए तैयार की जा सकती है, तब हमने उसे तीरंदाज़ बनाने का फैसला कर लिया... वैसे, उसे तीरंदाज़ बनाने की तैयारियां हमने तभी से शुरू कर दी थीं, जब वह गर्भ में थी..."
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