भारतीय महिलाओं ने 20वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आखिरी दिन चार गुणा 400 मीटर रिले का स्वर्ण पदक जीता जिससे भारत ओवरऑल छठे स्थान पर रहा। चीन ने महाद्वीपीय स्तर पर अपनी बादशाहत स्थापित की।
                                            
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                                                                                पुणे: 
                                        भारतीय महिलाओं ने 20वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के आखिरी दिन चार गुणा 400 मीटर रिले का स्वर्ण पदक जीता जिससे भारत ओवरऑल छठे स्थान पर रहा। चीन ने महाद्वीपीय स्तर पर अपनी बादशाहत स्थापित की। भारत ने प्रतियोगिता के पांचवें और आखिरी दिन एक स्वर्ण, दो रजत और पांच कांस्य पदक सहित कुल आठ पदक जीते।
इस तरह से भारत ने चैंपियनशिप में कुल दो स्वर्ण, पांच रजत और दस कांस्य सहित 17 पदक हासिल किए जो कोबे, जापान में पिछली चैंपियनशिप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है। भारत ने वहां एक स्वर्ण, तीन रजत और आठ कांस्य पदक जीते थे। भारत को पहला स्वर्ण पदक विकास गौड़ा ने पुरुषों की चक्का फेंक में दिलाया था।
रिले टीम में एम आर पूवम्मा, टिंटु लुका, अनु मरियम जोस और निर्मला शामिल थी। रंजीत माहेश्वरी ने पुरुषों की त्रिकूद में रजत जबकि अरपिंदर सिंह ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। भारत ने इसके अलावा महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में भी रजत और कांस्य पदक हासिल किए। ये पदक आशा राय और दुती चंद ने जीते। लुका ने महिलाओं की 800 मीटर, सतिंदर सिंह ने पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ और जितिन सी थामस ने पुरुषों की ऊंची कूद में कांस्य पदक हासिल किए।
भारत की महिला रिले टीम डोपिंग की दोषी रही अश्विनी अकुंजी को शामिल नहीं करने के कारण पहले ही चर्चा में आ गई थी। अंकुजी को प्रतियोगिता के तकनीकी विभाग ने भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी। रिले टीम ने हालांकि इसके बावजूद स्वर्ण पदक जीता बल्कि मास्को में अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया।
                                                                        
                                    
                                इस तरह से भारत ने चैंपियनशिप में कुल दो स्वर्ण, पांच रजत और दस कांस्य सहित 17 पदक हासिल किए जो कोबे, जापान में पिछली चैंपियनशिप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है। भारत ने वहां एक स्वर्ण, तीन रजत और आठ कांस्य पदक जीते थे। भारत को पहला स्वर्ण पदक विकास गौड़ा ने पुरुषों की चक्का फेंक में दिलाया था।
रिले टीम में एम आर पूवम्मा, टिंटु लुका, अनु मरियम जोस और निर्मला शामिल थी। रंजीत माहेश्वरी ने पुरुषों की त्रिकूद में रजत जबकि अरपिंदर सिंह ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। भारत ने इसके अलावा महिलाओं की 200 मीटर दौड़ में भी रजत और कांस्य पदक हासिल किए। ये पदक आशा राय और दुती चंद ने जीते। लुका ने महिलाओं की 800 मीटर, सतिंदर सिंह ने पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ और जितिन सी थामस ने पुरुषों की ऊंची कूद में कांस्य पदक हासिल किए।
भारत की महिला रिले टीम डोपिंग की दोषी रही अश्विनी अकुंजी को शामिल नहीं करने के कारण पहले ही चर्चा में आ गई थी। अंकुजी को प्रतियोगिता के तकनीकी विभाग ने भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी। रिले टीम ने हालांकि इसके बावजूद स्वर्ण पदक जीता बल्कि मास्को में अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई किया।
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