देश में टेनिस को चलाने वाली संस्था है ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन... खेल के लिए कोई नीति हो या न हो, इन दिनों यहां एक खेल बखूबी चल रहा है, तुष्टीकरण का खेल...
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नई दिल्ली से संजय किशोर:
देश में टेनिस को चलाने वाली संस्था है ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन... खेल के लिए कोई नीति हो या न हो, इन दिनों यहां एक खेल बखूबी चल रहा है, तुष्टीकरण का खेल...
पहले लिएंडर पेस को खुश करने के लिए सानिया मिर्ज़ा को उनका पार्टनर बनाया गया। ज़ाहिर था सानिया से पूछे बगैर उनका पार्टनर तय कर दिया गया। इससे उनका गुस्सा गुबार बनकर फूट पड़ा... और अब सानिया के गुस्से को शांत करने के लिए उनकी मां नसीमा मिर्जा को टेनिस टीम का मैनेजर बनाकर लंदन ओलिंपिक टीम के साथ भेजा जा रहा है। हालांकि नसीमा पहले भी टेनिस संघ के पैसे पर टीम के साथ विदेश जाती रही हैं। लेकिन ओलिंपिक में एक कोच से ज़्यादा एक मां को अहमियत दिया जाना शायद दुनिया में पहली बार हो रहा है।
सानिया को खुश करने के लिए डेविस कप कोच नंदन और फ़ैडरेशन कप कोच एनरिको पिपरनो को लंदन जाने वाली टीम से बाहर रखा गया है। सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा का कहना है कि उनके परिवार ने टेनिस संघ से ऐसी कोई गुज़ारिश नहीं की थी। लेकिन वे यह भी जोर दे रहे हैं कि नसीमा 10 विंबलडन सहित 25 ग्रैंड स्लैम में सानिया के साथ जा चुकी हैं। उनके अनुभव से खिलाड़ियों को फ़ायदा होगा।
खेल मंत्रालय बढ़−चढ़कर दावा कर रहा कि इस बार ओलिंपिक में खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के अलावा सिर्फ़ 10 लोगों का दल जाएगा। उसमें से भी ज़्यादातर पूर्व खिलाड़ी हैं। जबकि पिछले ओलिंपिक में खिलाड़ियों और कोच के अलावा करीब 166 लोग बीजिंग गए थे। जिसके लिए करीब 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आया था। सानिया के गुस्से के सामने खेल मंत्रालय भी झुक गया लगता है।
पहले लिएंडर पेस को खुश करने के लिए सानिया मिर्ज़ा को उनका पार्टनर बनाया गया। ज़ाहिर था सानिया से पूछे बगैर उनका पार्टनर तय कर दिया गया। इससे उनका गुस्सा गुबार बनकर फूट पड़ा... और अब सानिया के गुस्से को शांत करने के लिए उनकी मां नसीमा मिर्जा को टेनिस टीम का मैनेजर बनाकर लंदन ओलिंपिक टीम के साथ भेजा जा रहा है। हालांकि नसीमा पहले भी टेनिस संघ के पैसे पर टीम के साथ विदेश जाती रही हैं। लेकिन ओलिंपिक में एक कोच से ज़्यादा एक मां को अहमियत दिया जाना शायद दुनिया में पहली बार हो रहा है।
सानिया को खुश करने के लिए डेविस कप कोच नंदन और फ़ैडरेशन कप कोच एनरिको पिपरनो को लंदन जाने वाली टीम से बाहर रखा गया है। सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा का कहना है कि उनके परिवार ने टेनिस संघ से ऐसी कोई गुज़ारिश नहीं की थी। लेकिन वे यह भी जोर दे रहे हैं कि नसीमा 10 विंबलडन सहित 25 ग्रैंड स्लैम में सानिया के साथ जा चुकी हैं। उनके अनुभव से खिलाड़ियों को फ़ायदा होगा।
खेल मंत्रालय बढ़−चढ़कर दावा कर रहा कि इस बार ओलिंपिक में खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के अलावा सिर्फ़ 10 लोगों का दल जाएगा। उसमें से भी ज़्यादातर पूर्व खिलाड़ी हैं। जबकि पिछले ओलिंपिक में खिलाड़ियों और कोच के अलावा करीब 166 लोग बीजिंग गए थे। जिसके लिए करीब 2 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आया था। सानिया के गुस्से के सामने खेल मंत्रालय भी झुक गया लगता है।
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