रणधीर सिंह के मैदान से हटने के बाद अभय चौटाला निर्विरोध चुन लिए गए। उनके साथ सीनियर वाइस प्रेसीडेंड पद के लिए वीरेंद्र नानावती, महासचिव पद के लिए ललित भनोट, कोषाध्यक्ष के लिए एन रामचंद्रम भी निर्विरोध चुने गए।
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नई दिल्ली:
अभय चौटाला भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष बन गए हैं। रणधीर सिंह के मैदान से हटने के बाद चौटाला निर्विरोध चुन लिए गए। उनके साथ सीनियर वाइस प्रेसीडेंड पद के लिए वीरेंद्र नानावती, महासचिव पद के लिए ललित भनोट, कोषाध्यक्ष के लिए एन रामचंद्रम भी निर्विरोध चुने गए।
भनोट कॉमनवेल्थ घोटाले में जेल जे चुके हैं। आईओसी यानी अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने भारतीय ओलिंपिक संघ को बैन करने की धमकी दे रखी है। आईओसी का कहना है कि भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव ओलिंपिक चार्टर के नियमों के अनुसार नहीं हुए। अभय चौटला ने यह जानकारी भी दी कि आईओसी को मनाने के लिए दो-सदस्यीय दल को आईओसी मुख्यालय लुसान भेजा जाएगा।
भारतीय ओलिंपिक संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बाद चौटाला ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन बाद में नाम वापस लेने वाले रणधीर सिंह की जमकर खिंचाई की। उन्होंने साफ किया कि अब रणधीर आईओए महासचिव नहीं हैं, इसलिए वह आईओसी में भी भारतीय प्रतिनिधि बने रहने के हकदार नहीं हैं।
चौटाला ने कहा, मैं मांग करता हूं कि वे (रणधीर सिंह) तुरंत आईओसी से इस्तीफा दें। भारतीय होने के नाते उन्हें आईओसी में हमारा साथ देना चाहिए था, लेकिन समाधान करने की बजाय उन्होंने मामले को पेचीदा बना दिया। उन्होंने कहा, वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। यदि वह अपना इस्तीफा नहीं देते हैं, तो हम आईओए में प्रस्ताव पास करके आईओसी के पास भेजकर उन्हें हटाने की मांग करेंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
भनोट कॉमनवेल्थ घोटाले में जेल जे चुके हैं। आईओसी यानी अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने भारतीय ओलिंपिक संघ को बैन करने की धमकी दे रखी है। आईओसी का कहना है कि भारतीय ओलिंपिक संघ के चुनाव ओलिंपिक चार्टर के नियमों के अनुसार नहीं हुए। अभय चौटला ने यह जानकारी भी दी कि आईओसी को मनाने के लिए दो-सदस्यीय दल को आईओसी मुख्यालय लुसान भेजा जाएगा।
भारतीय ओलिंपिक संघ के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बाद चौटाला ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन बाद में नाम वापस लेने वाले रणधीर सिंह की जमकर खिंचाई की। उन्होंने साफ किया कि अब रणधीर आईओए महासचिव नहीं हैं, इसलिए वह आईओसी में भी भारतीय प्रतिनिधि बने रहने के हकदार नहीं हैं।
चौटाला ने कहा, मैं मांग करता हूं कि वे (रणधीर सिंह) तुरंत आईओसी से इस्तीफा दें। भारतीय होने के नाते उन्हें आईओसी में हमारा साथ देना चाहिए था, लेकिन समाधान करने की बजाय उन्होंने मामले को पेचीदा बना दिया। उन्होंने कहा, वह अपनी कुर्सी बचाने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। यदि वह अपना इस्तीफा नहीं देते हैं, तो हम आईओए में प्रस्ताव पास करके आईओसी के पास भेजकर उन्हें हटाने की मांग करेंगे।
(इनपुट भाषा से भी)
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