
- एसटी महामंडल को सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल पर प्रति लीटर अतिरिक्त तीस पैसे की छूट देने का निर्णय लिया
- यह अतिरिक्त छूट पहली अगस्त दो हजार पच्चीस से लागू होगी और इससे सालाना ग्यारह करोड़ अस्सी लाख रुपये की बचत होगी
- ST महामंडल रोजाना लगभग दस लाख सत्तहत्तर हजार लीटर डीजल का उपयोग करता है
महाराष्ट्र राज्य परिवहन (एसटी) महामंडल की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक बड़ी राहत की घोषणा की गई है. परिवहन मंत्री और एसटी महामंडल अध्यक्ष प्रताप सरनाईक की पहल पर इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसी सरकारी तेल कंपनियों ने एसटी को मिलने वाली डीजल पर अतिरिक्त छूट देने का निर्णय लिया है.
अब तक की छूट दरों में वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ था, लेकिन पहली बार कंपनियों ने प्रति लीटर 30 पैसे की अतिरिक्त रियायत देने पर सहमति जताई है. यह नई छूट 1 अगस्त 2025 से लागू होगी.
कितना होगा फायदा?
एसटी महामंडल रोजाना औसतन 10.77 लाख लीटर डीजल की खपत करता है. नई छूट के चलते प्रतिदिन करीब 3.23 लाख रुपये, यानी सालाना 11.80 करोड़ रुपये की सीधी बचत संभव होगी. यह कदम एसटी के ईंधन, रखरखाव और संचालन से जुड़े बढ़ते खर्च को कुछ हद तक संतुलित करने में मदद करेगा.
कैसे मिला लाभ?
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक के नेतृत्व में मंत्रालय स्तर पर कई दौर की बातचीत और समीक्षा बैठकें हुईं. छूट बढ़ाने के लिए मंत्रालय ने निजी तेल कंपनियों को भी टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने का प्रस्ताव रखा, जिससे सरकारी कंपनियों पर प्रतिस्पर्धा का दबाव बढ़ा और अंततः उन्होंने अतिरिक्त रियायत देने का निर्णय लिया.
मंत्री सरनाईक ने कहा, "एसटी की मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए, लागत में कटौती और वैकल्पिक आय स्रोतों की खोज आज की ज़रूरत है. बचत का हर छोटा कदम एसटी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग हो सकता है.” यह छूट ऐसे समय पर मिली है जब एसटी महामंडळ को टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस और आर्थिक रूप से असरदार फैसलों की जरूरत है. ईंधन छूट में यह बढ़ोतरी न केवल वित्तीय राहत देगी, बल्कि भविष्य में एसटी के संचालन को और भी प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है.
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