वंदे मेट्रो ट्रेन भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण करेगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत अगले साल अपनी पहली घरेलू निर्मित, हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन शुरू करने जा रहा है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'वंदे मेट्रो' नाम की ट्रेन 1950 और 60 के दशक में डिजाइन की गई ट्रेनों की जगह लेगी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 में शुरू होगी. उन्होंने कहा कि डिजाइन अगले साल मई या जून तक आने की उम्मीद है.
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, फोकस हाई-एंड ग्राहक पर नहीं है, वंदे मेट्रो मध्यम वर्ग और गरीबों का ख्याल रखेगी.
वैष्णव ने कहा कि वंदे मेट्रो ट्रेनों का निर्माण बड़ी संख्या में किया जाएगा. वर्तमान में भारत में अधिकांश ट्रेनें डीजल या बिजली से चलती हैं.
दुनिया भर की सरकारें और ऊर्जा कंपनियां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाते हुए स्वच्छ हाइड्रोजन पर दांव लगा रही हैं, हालांकि इसके भविष्य के उपयोग और लागत अनिश्चित हैं.
अगस्त में जर्मनी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन चलाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. ये ट्रेनें कोई प्रदूषण नहीं करती हैं और बहुत कम शोर पैदा करती हैं, केवल भाप और वाष्पित पानी का उत्सर्जन करती हैं.