नई दिल्ली:
रूस का एक फाइटर जेट मंगलवार देर रात अमेरिका के हाईटेक रीपर ड्रोन से टकरा गया. अमेरिकी फौज ने इसकी पुष्टि की है. हालांकि, दोनों ही देशों ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है. जहां ये घटना हुई, वो इलाका यूक्रेन बॉर्डर के काफी करीब है.
आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी खास बातें...
US एयरफोर्स के जनरल जेम्स हैकर ने कहा- 'हमारा MQ-9 रीपर इस इलाके में रूटीन गश्त पर था. यह इंटरनेशनल एयरस्पेस है. यहां रूस के एक एयरक्राफ्ट ने इसे इंटरसेप्ट करने की कोशिश की. ड्रोन पूरी तरह तबाह हो गया है.'
उन्होंने कहा- 'रूस की एयरफोर्स का रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना और भड़काउ है. इसे प्रोफेशनल वर्क आउट भी नहीं कहा जा सकता. उनके दोनों एयरक्राफ्ट भी क्रैश हो सकते थे. वो पहले भी इस तरह की हरकतें करते रहे हैं. हम इस मामले की जांच कर रहे हैं. '
अमेरिका सेना के अनुसार सुबह 7 बजकर 03 मिनट (सेंट्रल यूरोपियन टाइम) पर रूसी Su-27 ने अमेरिकी ड्रोन के प्रोपेलर को नष्ट कर दिया. अमेरिकी सेना का दावा है कि रूसी जेट ने अमेरिकी ड्रोन को टक्कर मारी और उस पर ईंधन भी गिरा दिया.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस के सुखोई-25 एयरक्राफ्ट ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है. अमेरिका ने कहा कि यह पता लगाया जाएगा कि यह हादसा है या हमारे ड्रोन को जानबूझकर मार गिराया गया है.
रीपर्स हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइलों के साथ-साथ लेजर-गाइडेड बमों से लैस होते हैं. ये 15,000 मीटर तक की ऊंचाई पर 1700 किमी से अधिक की उड़ान भर सकते हैं.