राजस्थान : श्रीगंगानगर में किसानों ने BJP नेता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, फाड़े कपड़े

भाजपा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

राजस्थान : श्रीगंगानगर में किसानों ने BJP नेता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, फाड़े कपड़े

भाजपा नेता मंहगाई और सिंचाई पानी को लेकर कलेक्टर पर प्रदर्शन कर रहे थे.

जयपुर:

राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने भाजपा नेता के साथ हाथापाई की. किसान वहां पर भाजपा के प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे. पुलिस प्रशासन के किसानों पर लाठीचार्ज किया. मुख्य बाजार में पुलिस ने किसानों पर जमकर लाठियां बरसाई, कई किसानों को चोट भी आई है. अभी वहां पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. श्रीगंगानगर के कलेक्ट्रैट परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है.

वहीं, किसानों ने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के कपड़े फाड़ दिए. कैलाश मेघवाल के साथ मारपीट भी की गई. उन्हें किसानों ने दौड़ा-दौड़ा पीटा है. पुलिस प्रशासन ने किसानों से कैलाश मेघवाल को छुड़वाया. 

भाजपा नेता मंहगाई और सिंचाई पानी को लेकर कलेक्टर पर प्रदर्शन कर रहे थे. तभी वहां पर किसान पहुचे और जमकर भिड़त हो गई. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है, काफी किसान घायल हुए हैं. 

'लखनऊ को दिल्ली बना देंगे' : किसानों ने CM योगी को दी चुनौती

भाजपा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. भाजपा के कार्यक्रम में मौजूद रहे उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है. श्रीगंगानगर में भाजपा का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था लेकिन इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की नाकामी का आलम यह रहा कि असामाजिक तत्वों ने दलित नेता कैलाश मेघवाल पर जानलेवा हमला कर दिया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.'

साथ ही कहा, ‘राज्य सरकार भाजपा के जनप्रतिनिधियों के साथ हो रही ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित करें एवं दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें.'

'अपना प्रस्ताव लेकर आएं किसान, हम बातचीत को तैयार', NDTV से बोले नरेंद्र सिंह तोमर

वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने एक बयान में कहा कि मेघवाल के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है, लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक अमराराम ने बिना किसी का नाम लिए ट्वीट किया, ‘‘किसानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करोगे तो किसान स्वागत तो करेगा नहीं.''