गजेंद्र सिंह शेखावत को कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया....
जयपुर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में हुए विस्तार और फेरबदल के जरिए भाजपा ने राजस्थान में जातिगत समीकरणों में संतुलन बनाने की कोशिश की है. यह भाजपा के नेताओं का मानना है. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने खेल मंत्रालय में विजय गोयल की जगह ली जबकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार राठौड़ के पास बना रहेगा. गजेंद्र सिंह शेखावत को कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. इस पर भाजपा के नेताओं का कहना है कि यह दिखाता है कि राजपूत वोट पार्टी के लिए कितना अहम है.
पार्टी के एक नेता ने बताया कि राठौड़ और शेखावत को फेरबदल और विस्तार में भूमिका इसलिए सौंपी गई, क्योंकि पुलिस मुठभेड़ में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के मारे जाने के बाद राजपूत समुदाय में पार्टी की छवि काफी खराब हुई थी. नागौर स्थित आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में इकट्ठा हुए हजारों राजपूतों ने प्रण किया था कि वे 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे.
यह भी पढ़ें: एक ओलिंपियन को मिली खेल मंत्रालय की कमान, विजय गोयल संसदीय मामलों के राज्यमंत्री बनाए गए
राठौड़ (47) और शेखावत (49) राजपूत हैं और माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय का साथ पाने के मकसद से भाजपा ने राठौड़ को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाकर तरक्की दी जबकि शेखावत को राज्य मंत्री बनाया. राजपूत समुदाय परंपरागत तौर पर भाजपा के प्रति वफादार रहा है और राज्य में 8-10 फीसदी वोटर इसी समुदाय से हैं . राजस्थान में अभी 28 विधायक राजपूत समुदाय से हैं.
पढ़ें: गजेंद्र सिंह शेखावत की किसानों के बीच है साख, लोकप्रियता में बराक ओबामा हैं इनसे पीछे
भाजपा के एक नेता ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले शायद इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए शेखावत को मारवाड़ क्षेत्र से चुना गया और राठौड़ को जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से मौका मिला.
VIDEO : किस मंत्री का हुआ प्रमोशन और किसका डिमोशन
दोनों सांसद काफी शिक्षित, तुलनात्मक रूप से युवा और तकनीकीपसंद माने जाते हैं और युवाओं में वे काफी लोकप्रिय हैं. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, "संसद में राजस्थान की बड़ी भूमिका होगी . खेल और कृषि को तवज्जो मिलेगी."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पार्टी के एक नेता ने बताया कि राठौड़ और शेखावत को फेरबदल और विस्तार में भूमिका इसलिए सौंपी गई, क्योंकि पुलिस मुठभेड़ में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के मारे जाने के बाद राजपूत समुदाय में पार्टी की छवि काफी खराब हुई थी. नागौर स्थित आनंदपाल के पैतृक गांव सांवराद में इकट्ठा हुए हजारों राजपूतों ने प्रण किया था कि वे 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट नहीं देंगे.
यह भी पढ़ें: एक ओलिंपियन को मिली खेल मंत्रालय की कमान, विजय गोयल संसदीय मामलों के राज्यमंत्री बनाए गए
राठौड़ (47) और शेखावत (49) राजपूत हैं और माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस समुदाय का साथ पाने के मकसद से भाजपा ने राठौड़ को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाकर तरक्की दी जबकि शेखावत को राज्य मंत्री बनाया. राजपूत समुदाय परंपरागत तौर पर भाजपा के प्रति वफादार रहा है और राज्य में 8-10 फीसदी वोटर इसी समुदाय से हैं . राजस्थान में अभी 28 विधायक राजपूत समुदाय से हैं.
पढ़ें: गजेंद्र सिंह शेखावत की किसानों के बीच है साख, लोकप्रियता में बराक ओबामा हैं इनसे पीछे
भाजपा के एक नेता ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले शायद इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए शेखावत को मारवाड़ क्षेत्र से चुना गया और राठौड़ को जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से मौका मिला.
VIDEO : किस मंत्री का हुआ प्रमोशन और किसका डिमोशन
दोनों सांसद काफी शिक्षित, तुलनात्मक रूप से युवा और तकनीकीपसंद माने जाते हैं और युवाओं में वे काफी लोकप्रिय हैं. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, "संसद में राजस्थान की बड़ी भूमिका होगी . खेल और कृषि को तवज्जो मिलेगी."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं