जोधपुर: तालाब में सैकड़ों की संख्या में मरी मछलियां, अब पानी के लिए बढ़ी चिंता

पश्चिमी राजस्थान वर्तमान में गर्म हवाओं की चपेट में है और अभी मानसून एक पखवाड़ा दूर है.

जोधपुर: तालाब में सैकड़ों की संख्या में मरी मछलियां, अब पानी के लिए बढ़ी चिंता

जोधपुर:

राजस्थान के जोधपुर जिले में एक सूखे तालाब में सैंकड़ों की संख्या मरी हुई मछलियों के मिलने से हड़कंप मच गया गया है.
इस घटना ने जिल में जल सुरक्षा के बारे में चिंता पैदा कर दी है. क्योंकि पश्चिमी राजस्थान वर्तमान में गर्म हवाओं की चपेट में है और अभी मानसून एक पखवाड़ा दूर है.सोयला गांव में एक राजस्व अधिकारी ने कहा कि मछली मर गई क्योंकि तालाब में शायद ही पानी बचा था. अब ग्रामीणों ने इस उम्मीद में तालाब को फिर से भरने के लिए पानी के टैंकर को किराए पर लेने के लिए पैसा जमा किए है कि यह मानसून आने तक कम से कम कुछ मछलियों को जीवित रखने में मदद कर सकता है.

तहसीलदार ने कहा, 'पानी स्तर कम हो जाने के कारण मछलियां मर गईं. हमने पानी के टैंकर की व्यवस्था की है. प्रत्येक ने 300 रुपए दिए हैं. अब पानी तालाब में डाला जा रहा है ताकि बची हुई मछलियां जीवत रह पाए.'

दरअसल जल आपूर्ति सेवा पर दोहरा दबाव पड़ा है. लगातार बढ़ती गर्मी के साथ कोरोनावायरस के कारण अस्पतालों में पानी की सप्लाई और सैनिटेशन वर्क के लिए फायर डिपार्टमेंट को दी जाने वाली सप्लाई से पानी की खपत बढ़ी है. जिससे की जिले क जलाशयों पर भी दवाब बढ़ा है. 

जन स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग को मॉनसून आने तक भंडार बनाए रखने के लिए तखत सागर झील, कायलाना झील और सुरपुरा बांध से जोधपुर शहर और आसपास के गांवों तक पानी की आपूर्ति को कम करना पड़ा है. 

हालांकि, देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति सामान्य रही है, लेकिन राजस्थान में इसके देरी से आने की संभावना है. मौसम विभाग ने पिछले 30 वर्षों में अपने आंकड़ों का आकलन करने के बाद कहा था कि राजस्थान में इस साल लगभग 10 दिन देरी से आने की संभावना है.

मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून राजस्थान में मॉनसून 25 जून को दस्तक देगा और यह 8 जुलाई तक पूरे राज्य में पहुंच जाएगा. विभाग के मुताबिक राजस्थान में मॉनसून 27 सितंबर को विदा ले लेगा.

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