अलवर मॉब लिंचिंग के पीड़ित रकबर की आखिरी तस्वीरें आई सामने
अलवर:
अलवर मॉब लिंचिंग मामले में अब 4 पुलिसवालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है और जांच भी ज़िला पुलिस के हाथ से ले ली गई है. इस बीच रकबर की आखिरी फोटो सामने आई है, जिसमें वो पुलिस की गाड़ी में भी ज़िंदा था. वहीं अलवर की मॉब लिंचिंग ने फिर देश की राजनीति में तूफ़ान पैदा कर दिया है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच सरकार ने भीड़ की हिंसा को लेकर एक हाई-लेवेल कमेटी बनी दी है. इसकी सिफारिशों पर एक GoM विचार करेगा.
अलवर मॉब लिंचिंग : हिंसा से जुड़े गवाह ने बदला अपना बयान, कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग
ये रकबर की शायद आखिरी तस्वीरें हैं और ये तस्वीरें वीएचपी के नवल किशोर ने लीं जब रकबर को पुलिस बचा कर ला रही थी. रकबर की ये आखिरी फोटो पुलिस की गाड़ी में ली गई है और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि पुलिस 3.47 तक उसे सड़क पर घुमा रही थी. इस मामले में अब 4 पुलिसवालों पर कार्रवाई की है. रकबर के भाई का कहना है कि उसके भाई की पिटाई हुई है. वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कहती है कि रकबर की मौत पिटाई के चलते अंदरूनी ख़ून बहने से मौत हुई है.
प्राइम टाइम : अलवर में रकबर की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?
इधर, एनडीटीवी इंडिया को वो पर्चानामा मिला है जो रकबर के साथी असलम ने पुलिस को लिखवाया है. असलम का कहना है कि पांच आदमी मिले थे जो आपस में नाम ले रहे थे. सुरेश, विजय, परमजीत, नरेश, धर्मेंद्र कहकर पुकार रहे थे. मुझे पकड़ लिया और रकबर को खेत में गिरा दिया. रकबर के साथ खेत में लाठी-डंडे से मारपीट शुरू की. वो लोग कह रहे थे हमारे साथ एमएलए साहब हैं और हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. इसमें आग लगा दो.
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हालांकि यह पर्चानामा कोर्ट में सबूत के तौर पर मान्य नहीं होता है फिर असलम ने मीडिया के सामने दिए अपने बयान में ये सब नहीं कहा था. लेकिन इस बयान की जांच से पुलिस को कुछ सुराग मिल सकते हैं. एक दिन पहले ही एनडीटीवी की जांच के दौरान कुछ लोगों ने ये आरोप लगाया कि रकबर को भीड़ के बाद पुलिस ने भी मारा है. ये आरोप सही है या नहीं- यह बात पुलिस की जांच से ही मालूम होगा. लेकिन ये साफ़ है कि रकबर की मॉब लिंचिंग को संजीदगी से लेने की जगह अब तक पुलिस ने जो रवैया दिखाया है वो अपने आप में किसी जुर्म से कम नहीं.
VIDEO: अलवर में रकबर की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?
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ये रकबर की शायद आखिरी तस्वीरें हैं और ये तस्वीरें वीएचपी के नवल किशोर ने लीं जब रकबर को पुलिस बचा कर ला रही थी. रकबर की ये आखिरी फोटो पुलिस की गाड़ी में ली गई है और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि पुलिस 3.47 तक उसे सड़क पर घुमा रही थी. इस मामले में अब 4 पुलिसवालों पर कार्रवाई की है. रकबर के भाई का कहना है कि उसके भाई की पिटाई हुई है. वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कहती है कि रकबर की मौत पिटाई के चलते अंदरूनी ख़ून बहने से मौत हुई है.
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इधर, एनडीटीवी इंडिया को वो पर्चानामा मिला है जो रकबर के साथी असलम ने पुलिस को लिखवाया है. असलम का कहना है कि पांच आदमी मिले थे जो आपस में नाम ले रहे थे. सुरेश, विजय, परमजीत, नरेश, धर्मेंद्र कहकर पुकार रहे थे. मुझे पकड़ लिया और रकबर को खेत में गिरा दिया. रकबर के साथ खेत में लाठी-डंडे से मारपीट शुरू की. वो लोग कह रहे थे हमारे साथ एमएलए साहब हैं और हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. इसमें आग लगा दो.
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हालांकि यह पर्चानामा कोर्ट में सबूत के तौर पर मान्य नहीं होता है फिर असलम ने मीडिया के सामने दिए अपने बयान में ये सब नहीं कहा था. लेकिन इस बयान की जांच से पुलिस को कुछ सुराग मिल सकते हैं. एक दिन पहले ही एनडीटीवी की जांच के दौरान कुछ लोगों ने ये आरोप लगाया कि रकबर को भीड़ के बाद पुलिस ने भी मारा है. ये आरोप सही है या नहीं- यह बात पुलिस की जांच से ही मालूम होगा. लेकिन ये साफ़ है कि रकबर की मॉब लिंचिंग को संजीदगी से लेने की जगह अब तक पुलिस ने जो रवैया दिखाया है वो अपने आप में किसी जुर्म से कम नहीं.
VIDEO: अलवर में रकबर की हत्या का ज़िम्मेदार कौन?
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