Alwar Mob Lynching: रिपोर्ट की मुताबिक शरीर पर अत्यधिक चोट लगने और इसके बाद सदमे की वजह से रकबर मौत हुई है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजस्थान के अलवर जिले में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिये गए रकबर की पोस्टमार्ट रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट की मुताबिक शरीर पर अत्यधिक चोट लगने और इसके बाद सदमे की वजह से मौत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार चोट की वजह से रकबर के जांघ की हड्डी टूट गई थी. साथ ही पसलियों पर भी चोट के निशान पाए गए थे. आपको बता दें कि रकबर और असलम गाय लेकर जा रहे थे, तभी भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था. जिसमें रकबर की मौत हो गई थी. इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. रकबर की हत्या के सिलसिले में आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. दूसरी तरफ. इस मामले में पुलिस की भूमिका पर उठते सवाल के बीच मामले की जांच सीनियर अफ़सर को सौंप दी गई है. एडिशनल एसपी क्राइम और विजिलेंस के एडिशनल एसपी अब इस मामले की जांच करेंगे यानी स्थानीय पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आने के बाद स्थानीय पुलिस के हाथ से जांच छीन ली गई है.
ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- कुछ लोग तालिबानी बन गए हैं और देश तोड़ रहे हैं
आईजी के मुताबिक, इस पहलू की भी जांच की जाएगी कि आख़िर पुलिस ने रकबर को अस्पताल ले जाने में इतनी देर क्यों कर दी? दरअसल शुक्रवार और शनिवार की रात गो तस्करी के शक में रकबर और असलम की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. असलम भाग निकला, लेकिन रकबर पिटता रहा. पुलिस मौक़े पर पहुंची, लेकिन रकबर को अस्पताल ले जाने की जगह ढाई घंटे से ज़्यादा समय तक यहां-वहां घुमाती रही, फिर थाने ले गई. घायल रकबर लगातार कहता रहा कि वो दर्द में है लेकिन पुलिस उसे तुरंत अस्पताल न ले जाकर पहले गाय के लिए गाड़ी का इंतज़ाम करने में लगी रही. यही नहीं रास्ते में गाड़ी रोक कर चाय पी और फिर अस्पताल ले जाने की जगह थाने ले गई. जब पुलिस रकबर को लेकर अस्पताल पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इस बीच पुलिस थाने में रकबर के साथ क्या हुआ इस पर पर्दा अभी नहीं उठा है, लेकिन अब आरोप लग रहा है कि थाने में जो हुआ उसकी वजह से रकबर की जान गई.
मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट : कानूनों पर अमल की बजाय सिर्फ दिशानिर्देश
इस मामले में एक चश्मदीद का कहना है कि गाड़ी में पुलिस रकबर को पीट रही थी, गालियां दे रही थी. इस बीच पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. इन सभी पर हत्या का मामला दर्ज हुआ है. कोर्ट ने तीनों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. मृतक रकबर का परिवार आरोपी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.एनडीटीवी की तफ़्तीश में जानकारी मिली है कि रकबर भीड़ के हाथों जितना घायल नहीं हुआ उससे ज़्यादा वो पुलिस की हिरासत में हुआ और यही उसकी जान जाने की वजह बनी. यही नहीं, पुलिस घायल रकबर को सीधे अस्पताल भी नहीं ले गई, बल्कि ढाई घंटे से ज़्यादा समय तक यहां वहां घुमाती रही, थाने ले गई. वो अस्पताल तब पहुंचा जब उसकी मौत हो चुकी थी. इस बीच पुलिस थाने में रकबर के साथ क्या हुआ इस पर पर्दा अभी नहीं उठा है. लेकिन अब आरोप लग रहा है कि थाने में जो हुआ उसकी वजह से रकबर की जान गई. अब ख़ुद पुलिस की टीम इस मामले में संदेह के घेरे में है.
VIDEO: अलवर मामला: पीड़ित पर पुलिस का सितम
ममता बनर्जी का केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- कुछ लोग तालिबानी बन गए हैं और देश तोड़ रहे हैं
आईजी के मुताबिक, इस पहलू की भी जांच की जाएगी कि आख़िर पुलिस ने रकबर को अस्पताल ले जाने में इतनी देर क्यों कर दी? दरअसल शुक्रवार और शनिवार की रात गो तस्करी के शक में रकबर और असलम की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. असलम भाग निकला, लेकिन रकबर पिटता रहा. पुलिस मौक़े पर पहुंची, लेकिन रकबर को अस्पताल ले जाने की जगह ढाई घंटे से ज़्यादा समय तक यहां-वहां घुमाती रही, फिर थाने ले गई. घायल रकबर लगातार कहता रहा कि वो दर्द में है लेकिन पुलिस उसे तुरंत अस्पताल न ले जाकर पहले गाय के लिए गाड़ी का इंतज़ाम करने में लगी रही. यही नहीं रास्ते में गाड़ी रोक कर चाय पी और फिर अस्पताल ले जाने की जगह थाने ले गई. जब पुलिस रकबर को लेकर अस्पताल पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इस बीच पुलिस थाने में रकबर के साथ क्या हुआ इस पर पर्दा अभी नहीं उठा है, लेकिन अब आरोप लग रहा है कि थाने में जो हुआ उसकी वजह से रकबर की जान गई.
मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट : कानूनों पर अमल की बजाय सिर्फ दिशानिर्देश
इस मामले में एक चश्मदीद का कहना है कि गाड़ी में पुलिस रकबर को पीट रही थी, गालियां दे रही थी. इस बीच पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है. इन सभी पर हत्या का मामला दर्ज हुआ है. कोर्ट ने तीनों को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. मृतक रकबर का परिवार आरोपी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.एनडीटीवी की तफ़्तीश में जानकारी मिली है कि रकबर भीड़ के हाथों जितना घायल नहीं हुआ उससे ज़्यादा वो पुलिस की हिरासत में हुआ और यही उसकी जान जाने की वजह बनी. यही नहीं, पुलिस घायल रकबर को सीधे अस्पताल भी नहीं ले गई, बल्कि ढाई घंटे से ज़्यादा समय तक यहां वहां घुमाती रही, थाने ले गई. वो अस्पताल तब पहुंचा जब उसकी मौत हो चुकी थी. इस बीच पुलिस थाने में रकबर के साथ क्या हुआ इस पर पर्दा अभी नहीं उठा है. लेकिन अब आरोप लग रहा है कि थाने में जो हुआ उसकी वजह से रकबर की जान गई. अब ख़ुद पुलिस की टीम इस मामले में संदेह के घेरे में है.
VIDEO: अलवर मामला: पीड़ित पर पुलिस का सितम
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं