
- केंद्र सरकार ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की राह रोकी है
- CM मान ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए क्रिकेट की अनुमति और दर्शन की मनाही पर विरोध जताया है
- पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य करते हुए 2300 गांवों में सफाई और मेडिकल टीम भेजी है
पंजाबियों की आस्था और गुरुओं से जुड़ी श्रद्धा को केंद्र सरकार सियासी नजर से देख रही है. भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को हरी झंडी दी जाती है, मगर वही सरकार श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर और श्री ननकाना साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की राह रोक देती है. ये दोहरा रवैया अब पंजाबियों को चुभने लगा है. क्रिकेट का लाइव मैच हो सकता है, पाकिस्तान को टेलीविजन पर दिखाया जा सकता है, लेकिन श्रद्धा का रास्ता बंद? श्री गुरु नानक देव जी की धरती पर मत्था टेकना कोई राजनीति नहीं, यह पंजाब की आत्मा है. यह विरोध सिर्फ सिखों का नहीं, यह पूरे पंजाब की अस्मिता का प्रश्न है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि अगर क्रिकेट हो सकता है तो दर्शन क्यों नहीं? जब पंजाब बाढ़ से जूझ रहा था, तब केंद्र सरकार ने सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मान सरकार ने खुद मैदान में उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दिया. 2300 गांवों में सफाई और मेडिकल टीम भेजी गई. बाढ़ उतरने के बाद हर गली में मान सरकार की मौजूदगी ने दिखा दिया कि कौन वाकई जनता के साथ खड़ा है.
पंजाब की जमीन वो है जिसने भगत सिंह, करतार सिंह सराभा जैसे शहीद दिए हैं. यह धरती कभी झुकती नहीं, जब भी संकट आया है, पंजाब उठा है और पहले से ज्यादा मज़बूती से खड़ा हुआ है. श्री करतारपुर साहिब और श्री ननकाना साहिब कोई समझौते की ज़मीन नहीं, बल्कि हमारे दिल का हिस्सा हैं.
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