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This Article is From Jul 27, 2023

सीएम भगवंत मान ने ड्यूटी के दौरान हादसे में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की

पंजाब की भगवंत मान सरकार ड्यूटी के दौरान हादसों में मरने वाले जवानों के परिवारों को एक्स- ग्रेशिया ग्रांट देगी, ड्यूटी दौरान दिव्यांग सैनिकों को मिलने वाली मदद राशि दोगुनी की जाएगी, पहले और दूसरे विश्व युद्ध के गैर पेंशनर पूर्व सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता में बढ़ोत्तरी

सीएम भगवंत मान ने ड्यूटी के दौरान हादसे में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर में कारगिल विजय दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में शिरकत की.
अमृतसर:

देश के बहादुर सैनिकों के सम्मान में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को सैनिक की ड्यूटी के दौरान किसी हादसे में मौत (फिजिकल कैज़ुअलटी) होने पर परिवार के लिए एक्स-ग्रेशिया ग्रांट शुरू करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने ड्यूटी के दौरान दिव्यांग सैनिकों के लिए वित्तीय सहायता दोगुनी करने के साथ पहले तथा दूसरे विश्व युद्ध के नान-पेंशनर पूर्व सैनिकों की वित्तीय सहायता में बढ़ौतरी का भी ऐलान किया. 

अमृतसर में गुरुवार को ‘पंजाब स्टेट वॅार हीरोज़ मेमोरियल एंड म्युजिय़म' में कारगिल विजय दिवस के मौके पर हुए समागम में मुख्यमंत्री ने राज्य का नेतृत्व करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए बलिदान देने वाले कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. 

जंग के नायकों को श्रद्धा के फूल भेंट करने के बाद अपने विचार साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों के बेमिसाल योगदान के सम्मान में राज्य सरकार ने अब रक्षा सेना में ड्यूटी के दौरान सैनिक की किसी हादसे में (युद्ध अप्रेशन के अतिरिक्त) मौत हो जाने पर परिवार के लिए 25 लाख रुपए एक्स- ग्रेशिया ग्रांट शुरू करने का फ़ैसला किया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, परन्तु उनकी सरकार ने यह प्रयास किया है, क्योंकि यह बहादुर सैनिक भी ड्यूटी के दौरान अपने जीवन का बलिदान देते हैं. भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने ड्यूटी के दौरान दिव्यांग सैनिकों के लिए भी एक्स- ग्रेशिया राशि में बढ़ोतरी की है. 

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मुख्यमंत्री ने बताया कि 76 प्रतिशत से 100 प्रतिशत दिव्यांग हुए सैनिकों को अब 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 40 लाख रुपए एक्स- ग्रेशिया मिलेगा. 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत दिव्यांग हुए सैनिकों को 10 लाख रुपए के बजाय 20 लाख रुपए और 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत दिव्यांग हुए सैनिकों को 5 लाख रुपए के बजाय 10 लाख रुपए एक्स- ग्रेशिया राशि मिलेगी. उन्होंने कहा कि पहले और दूसरे विश्व युद्ध के नान-पेंशनर पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं के लिए महीनावार वित्तीय सहायता 6000 रुपए से बढ़ाकर 10000 रुपए कर दी है. भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इन बहादुर सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है जिन्होंने देश की सेवा की. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक भावुकता वाला समागम है और पूरा देश इन शूरवीरों द्वारा दिए गए महान बलिदान पर गौरव महसूस करता है. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा को यकीनी बनाने के लिए सैनिक मौसम की खराबी के बावजूद अपनी ड्यूटी निभाते हैं. भगवंत मान ने कहा कि देश के निवासी इन राष्ट्रीय नायकों की बहादुरी और देश की निस्वार्थ सेवा के लिए सदा ऋणी रहेंगे. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने देश की ख़ातिर इन नायकों द्वारा दिए महान बलिदान के सम्मान के तौर पर शहीदों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए देने का फ़ैसला किया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को बरकरार रखने के लिए इन सपूतों के कीमती योगदान के सम्मान में किया गया है. भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से सैनिकों और उनके परिवारों की भलाई को यकीनी बनाने की वचनबद्धता के अंतर्गत शहीदों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने का प्रयास किया जा रहा है. 

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मुख्यमंत्री ने याद करते हुए बताया कि, " कारगिल जंग दौरान मैं एक कलाकार था और इन राष्ट्रीय नायकों के साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए मैंने एक चैरिटी शो भी करवाया था. यह चैरिटी शो पटियाला में करवाया गया था जिसमें कई अन्य कलाकारों ने भी हिस्सा लिया था. सेना के बहादुरी भरे कारनामों के प्रति धन्यवाद प्रकट करते हुए इस शो से इकट्ठा हुआ सारा पैसा सेना के अधिकारियों को सौंपा गया था."

मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य की बस्ती होने के नाते हमारे देश ने बहुत दुख-तकलीफें सहन की है परन्तु हमारे आज़ादी संग्राम के बहादुर और नायकों ने विदेशी साम्राज्यवाद की जंजीरों तोड़ने के लिए बड़े बलिदान दिए है. उन्होंने कहा कि यह बात रिकार्ड पर है कि जिन महान देश भक्तों ने अपनी जानें कुर्बान कीं या किसी न किसी रूप में अंग्रेज़ों के ज़ुल्म का शिकार हुए, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक पंजाबी थे. भगवंत मान ने कहा कि शहीद- ए-आज़म भगत सिंह और कई अन्य योद्धाओं ने देश आज़ाद करवाने के लिए अपना ख़ून बहाया. 

मुख्यमंत्री मान ने जोर देते हुए कहा कि आज भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए पंजाबी सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा कि जब भी भारत को अंदरूनी या बाहरी हमलों की चुनौती का सामना करना पड़ा तो पंजाबियों ने देश का नेतृत्व किया. भगवंत मान ने कहा कि यह बात भी छिपी नहीं कि राज्य के मेहनती किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्म- निर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई. 

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मुख्यमंत्री ने देश की रक्षा के लिए सैनिकों की बहादुरी भरी गाथा को याद किया. उन्होंने कहा कि इस जंग में भारतीय फौज ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद जिस तरह दिलेरी और साहस का सबूत दिया, उसकी मिसाल दुनिया भर में शायद ही कोई और मिलती हो. भगवंत मान ने कहा कि हर देश निवासी इन शहीदों के महान बलिदान के लिए सदा ऋणी रहेगा. 

मुख्यमंत्री ने कहा, "अमर जवान ज्योति तेल के साथ नहीं बल्कि शहीदों के खून के साथ जलती है. तेल के साथ जगा दीया चाहे कुछ समय बाद रोशनी देना बंद कर देता है परन्तु शहीदों के तेल के साथ जले दीये हमेशा चमकते हैं. इन सैनिकों की शहादत सदियों तक हमारी नौजवान पीढ़ी को नि:स्वार्थ बलिदान के लिए प्रेरित करती है. "

इस मौके अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने सभी का इस समागम में स्वागत किया और कारगिल के नायकों को श्रद्धांजली दी. 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने मातृ भूमि की रक्षा की ख़ातिर कुर्बान होने वाले महान शहीदों के सम्मान में उनको श्रद्धा के फूल भेंट किए. उन्होंने शहीदों के पारिवारिक सदस्यों को भी सम्मानित किया जिन्होंने देश के नायकों के महान बलिदान को याद करने के लिए इस समागम में विशेष तौर पर शिरकत की.  इस मौके कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा, कुलदीप सिंह धालीवाल और हरभजन सिंह ईटीओ भी उपस्थित थे.

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