पिछले हफ्ते बिसाहड़ा गांव में इसी मुद्दे को लेकर महापंचायत हुई थी (फाइल फो)
ग्रेटर नोएडा:
बिसाहड़ा गांव के एक समूह ने अदालत में जाकर नौ महीने पहले मारे गए मोहम्मद अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ कथित गौकशी के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। अखलाक के घर में गोमांस होने के संदेह पर उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
एक वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ने बताया, 'बिसाहड़ा के निवासियों ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन दिया और पुलिस को अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।' धारा 156 (3) किसी मजिस्ट्रेट को उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और फिर जांच करने का आदेश पुलिस को देने का अधिकार देती है जिनके नाम शिकायत में हैं। उन्होंने कहा कि अदालत 13 जून को मामले में सुनवाई करेगी।
अधिकारी के अनुसार, 'अखलाक के परिवार के सदस्यों को उनका जवाब देने का अवसर दिया जाएगा और उसके बाद अदालत फैसला करेगी कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की जरूरत है या नहीं।'
पिछले हफ्ते बिसाहड़ा में एक महापंचायत में ग्रामीणों ने पुलिस को अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ 20 दिन के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया था। इससे पहले मथुरा की एक फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में सामने आया था कि मृतक के घर मिला मांस गाय या गोवंश के किसी पशु का ही था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
एक वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी ने बताया, 'बिसाहड़ा के निवासियों ने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन दिया और पुलिस को अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।' धारा 156 (3) किसी मजिस्ट्रेट को उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और फिर जांच करने का आदेश पुलिस को देने का अधिकार देती है जिनके नाम शिकायत में हैं। उन्होंने कहा कि अदालत 13 जून को मामले में सुनवाई करेगी।
अधिकारी के अनुसार, 'अखलाक के परिवार के सदस्यों को उनका जवाब देने का अवसर दिया जाएगा और उसके बाद अदालत फैसला करेगी कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की जरूरत है या नहीं।'
पिछले हफ्ते बिसाहड़ा में एक महापंचायत में ग्रामीणों ने पुलिस को अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ 20 दिन के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने का अल्टीमेटम दिया था। इससे पहले मथुरा की एक फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में सामने आया था कि मृतक के घर मिला मांस गाय या गोवंश के किसी पशु का ही था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बीफ विवाद, मोहम्मद अखलाक, गौकशी, बिसाहड़ा, दादरी कांड, Beef Attack, Akhlaq Murder Case, Beef Row, Bisahada Village, Dadri Attack