साल 2015 में नोएडा के दादरी में गोमांस रखने के आरोप में भीड़ के हाथों मारे गए अखलाक की हत्या का मामला एक बार फिर गर्मा सकता है. दरअसल दादरी में हुई सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली में इस कांड के आरोपियों ने भी हिस्सा लिया जो इस समय जमानत पर हैं. मुख्य आरोपी विशाल राणा सहित चार लोग रैली में सबसे आगे खड़े थे और भाषण सुनकर ताली बजा रहे थे. आपको बता दें यह रैली बिसाहड़ा गांव में हुई थी. गौरतलब है कि 55 साल के मोहम्मद अखलाक को भीड़ ने घर से निकालकर हत्या कर दी थी. अखलाख के ऊपर शक था कि उन्होंने गाय को मारकर उसका मांस अपने घर में रखा है. इस घटना के बाद तनाव के चलते अखलाख के परिवार को गांव छोड़कर जाना पड़ गया. वहीं रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा, 'कौन नहीं जानता बिसहाड़ा में क्या हुआ? सबको पता है.''‘कितने शर्म की बात है कि समाजवादी सरकार ने तब भावनाओं को दबाने की कोशिश की और मैं कह सकता हूं कि हमारी सरकार बनते ही हमने अवैध बूचड़खानों को बंद कराया. सीएम योगी ने पिछली सरकारों पर जाति के आधार पर लोगों को बांटने और ‘तुष्टिकरण की राजनीति' करने का आरोप लगाया.
#WATCH: One of the accused in September 2015 Mohd Akhlaq lynching case, Vishal Singh (bearded man in white shirt), was seen in a BJP rally in Bisada village yesterday. The rally was addressed by CM Yogi Adityanath. (31.03.2019) pic.twitter.com/QViy7LoUWV
— ANI UP (@ANINewsUP) April 1, 2019
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उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सिर्फ अपने परिवारों के विकास के लिए काम करती हैं. आदित्यनाथ ने रैली में कहा, ‘‘मई 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, हमारी सरकार ने कहा था कि यह किसी व्यक्ति, परिवार, जाति या धर्म के लिए काम नहीं करेगी, बल्कि गांवों, गरीबों, युवाओं, महिलाओं, किसानों और समाज के हर तबके लिए काम करेगी.''
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इनपुट : भाषा
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