समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज सरकार पर आरोप लगाया कि उसने देश के एक-दो बड़े उद्योगपतियों की राय पर नोटबंदी का फैसला किया और राजनीतिक दलों को विश्वास में नहीं लिया गया.
मुलायम ने आज लोकसभा में कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद आ रही कठिनाइयों के चलते और कतारों में खड़े रहने से उत्तर प्रदेश में 16 लोगों की और देशभर में 105 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. उन्होंने सरकार से कहा, ‘‘ आपको यह काम करना था तो सभी दलों के नेताओं को बुलाने में क्या परेशानी थी.’’ मुलायम ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान का जिक्र करते हुए कहा कि चुपके से रात आठ बजे (आठ नवंबर को) आपने फैसला सुना दिया. इस फैसले से पहले हममें से किसी को विश्वास में नहीं लिया गया.
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पता नहीं क्या श्रेय लेना चाहते हैं. देश के एक-दो बड़े उद्योगपतियों की राय से यह सब हुआ है. हमारी राय से यह नहीं हुआ.’’ नोटबंदी के मुद्दे पर सदन में चर्चा को लेकर बने हुए गतिरोध और विपक्ष की मत विभाजन की मांग के बीच सपा नेता ने कहा कि आसन को इस विषय को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. ‘‘इससे बड़ा मुद्दा सदन के सामने आ नहीं सकता.’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसले के बाद किसान और व्यापारियों के लिए क्या किया है.
मुलायम ने कहा कि हम जनता का दुख-दर्द कहना चाहते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुलायम ने आज लोकसभा में कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद आ रही कठिनाइयों के चलते और कतारों में खड़े रहने से उत्तर प्रदेश में 16 लोगों की और देशभर में 105 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं. उन्होंने सरकार से कहा, ‘‘ आपको यह काम करना था तो सभी दलों के नेताओं को बुलाने में क्या परेशानी थी.’’ मुलायम ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान का जिक्र करते हुए कहा कि चुपके से रात आठ बजे (आठ नवंबर को) आपने फैसला सुना दिया. इस फैसले से पहले हममें से किसी को विश्वास में नहीं लिया गया.
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पता नहीं क्या श्रेय लेना चाहते हैं. देश के एक-दो बड़े उद्योगपतियों की राय से यह सब हुआ है. हमारी राय से यह नहीं हुआ.’’ नोटबंदी के मुद्दे पर सदन में चर्चा को लेकर बने हुए गतिरोध और विपक्ष की मत विभाजन की मांग के बीच सपा नेता ने कहा कि आसन को इस विषय को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए. ‘‘इससे बड़ा मुद्दा सदन के सामने आ नहीं सकता.’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने इस फैसले के बाद किसान और व्यापारियों के लिए क्या किया है.
मुलायम ने कहा कि हम जनता का दुख-दर्द कहना चाहते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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