पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह पटियाला में केप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पटियाला:
पटियाला शहरी सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाली दल उम्मीदवार जनरल जेजे सिंह ने अपने-अपने नामांकन पर्चे दाखिल किए. पूर्व सेना प्रमुख जेजे सिंह की विधानसभा सीट के लिए जद्दोजहद पूर्व सैनिकों को रास नहीं आ रही.
पटियाला सीट पर जीत का चौका लगाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर मैदान में हैं. इस बार मुकाबला करो या मरो का है..क्योंकि पटियाला के पूर्व महाराजा का यह आखिरी चुनाव है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं,' जेजे सिंह कल तक पार्टी को अनुशासित करने की बात कर रहे थे, आज सुखबीर को कह रहे हैं..चालीस साल फौज में रहने के बाद शायद वे भूले नहीं हैं कि अब फौज में नहीं हैं.'
मुकाबले में अकाली दल ने सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके जनरल जेजे सिंह को उतारा है जिनकी उम्मीदवारी को लेकर पूर्व सैनिकों में भी बहस छिड़ी हुई है.
लेफ्टिनेंट जनरल टीएस शेरगिल (रिटा) ने कहा कि सब पूर्व सैनिक समझते हैं, पूर्व सेना प्रमुख को अगर लड़ना था तो किसी ऊंचे पद के लिए लड़ते एमएलए के लिए नहीं. कैप्टन एसपी सिंह (रिटा) कहते हैं,' मेरे हिसाब से अगर वे राष्ट्रपति का चुनाव लड़ते तो मुझे बहुत खुशी होती..और हम अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस करते..हमें यह बात हजम नहीं हो रही कि वे एमएलए का इलेक्शन लड़ रहे हैं.'
1965 और 71 की जंग लड़ चुके जनरल जेजे सिंह..कैप्टन पर निजी छींटाकशी करके लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. जेजे सिंह कहते हैं,'लोगों को पता है कि मैं सेवा करने आया हूं.' वे कहते हैं कि 'मैं एमएलए बनाने के लिए इतना नीचे कैसे आ गया..लेकिन सेवा की कोई लक्ष्मण रेखा नहीं होती.'
यूं तो मुकाबले में आम आदमी पार्टी के डॉक्टर बलबीर सिंह भी हैं..पर चर्चा तो कैप्टन बनाम जनरल के बीच सियासी जंग की ही हो रही है.
पटियाला सीट पर जीत का चौका लगाने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर मैदान में हैं. इस बार मुकाबला करो या मरो का है..क्योंकि पटियाला के पूर्व महाराजा का यह आखिरी चुनाव है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं,' जेजे सिंह कल तक पार्टी को अनुशासित करने की बात कर रहे थे, आज सुखबीर को कह रहे हैं..चालीस साल फौज में रहने के बाद शायद वे भूले नहीं हैं कि अब फौज में नहीं हैं.'
मुकाबले में अकाली दल ने सेना प्रमुख के पद से रिटायर होने के बाद अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके जनरल जेजे सिंह को उतारा है जिनकी उम्मीदवारी को लेकर पूर्व सैनिकों में भी बहस छिड़ी हुई है.
लेफ्टिनेंट जनरल टीएस शेरगिल (रिटा) ने कहा कि सब पूर्व सैनिक समझते हैं, पूर्व सेना प्रमुख को अगर लड़ना था तो किसी ऊंचे पद के लिए लड़ते एमएलए के लिए नहीं. कैप्टन एसपी सिंह (रिटा) कहते हैं,' मेरे हिसाब से अगर वे राष्ट्रपति का चुनाव लड़ते तो मुझे बहुत खुशी होती..और हम अपने आपको बहुत गौरवान्वित महसूस करते..हमें यह बात हजम नहीं हो रही कि वे एमएलए का इलेक्शन लड़ रहे हैं.'
1965 और 71 की जंग लड़ चुके जनरल जेजे सिंह..कैप्टन पर निजी छींटाकशी करके लोगों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. जेजे सिंह कहते हैं,'लोगों को पता है कि मैं सेवा करने आया हूं.' वे कहते हैं कि 'मैं एमएलए बनाने के लिए इतना नीचे कैसे आ गया..लेकिन सेवा की कोई लक्ष्मण रेखा नहीं होती.'
यूं तो मुकाबले में आम आदमी पार्टी के डॉक्टर बलबीर सिंह भी हैं..पर चर्चा तो कैप्टन बनाम जनरल के बीच सियासी जंग की ही हो रही है.
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