गुजरात कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रशांत किशोर से रणनीति बनाने में मदद लेना चाहती है.
खास बातें
- कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने ट्वीट कर प्रशांत किशोर की जरूरत बताई
- पीके की रणनीति से पार्टी को लाभ और कार्यकर्ताओं को चुनाव में मदद की आशा
- विश्लेषकों के अनुसार, कांग्रेस को नए तरीके से सोचने की आवश्यकता
अहमदाबाद: नरेन्द्र मोदी के पुराने रणनीतिकार प्रशांत किशोर को गुजरात कांग्रेस रिझाने की कोशिश कर रही है. राज्य में इसे लेकर राजनैतिक चर्चा गर्म है. गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला ने ट्वीट करके चुनावों में राज्य में पार्टी के लिए प्रशांत किशोर जैसे रणनीतिकार की जरूरत बताई है. एक तरह से उन्होंने साफ कर दिया कि पार्टी मोदी के एक वक्त के करीबी चुनावी रणनीतिकार को गुजरात में भी लुभाने का प्रयास कर रही है. पूरी पार्टी इस सहमत दिख रही है.
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि ''प्रशांत किशोर बड़े रणनीतिकार हैं. प्रचार-प्रसार में उनकी विशेषज्ञता है. अगर वे आते हैं तो मैं स्वागत करता हूं. उनकी एक्सपर्टाइज से पार्टी को फायदा होगा और कार्यकर्ताओं को भी चुनाव लड़ने में मदद मिलेगी.''
राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि कांग्रेस को ऐसे रणनीतिकार की जरूरत है. गुजरात कांग्रेस बड़े नेताओं की गुटबाजी से ग्रस्त है. उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद पार्टी का मनोबल भी गिरा है. ऐसे में जब राज्य में भाजपा सरकार पाटीदार और ओबीसी, दलित जैसे तबकों के गुस्से का सामना कर रही है तब कोई अच्छे सर्वमान्य रणनीतिकार से उसे फायदा हो सकता है.
राजनीतिक विश्लेषक घनश्याम शाह का कहना है कि ''कांग्रेस में कोई नहीं है जो सबको कोआर्डिनेट कर सके. कांग्रेस में आज कोई नहीं है जो इमेजिनेटिव हो या जिसमें आउट आफ द बॉक्स सोचने की क्षमता हो. पिछली बार के प्रचार में भी सब रुटीन ही था. ऐसे में नए प्रकार के सोच की उन्हें आवश्यकता है.''
गुजरात भाजपा इस मुद्दे पर मौन है लेकिन कहीं न कहीं उसमें भी थोड़ी बेचैनी जरूर है क्योंकि प्रशांत किशोर नरेंद्र मोदी की 2012 की जीत के भी रणनीतिकार रहे हैं. ऐसे में गुजरात को बेहतर जानने वाला रणनीतिकार अगर विरोधी पक्ष के साथ हो तो कहीं न कहीं उनकी रणनीति पर भी इसका असर पड़ सकता है. हालांकि जानकारों के मुताबिक प्रशांत किशोर ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे गुजरात कांग्रेस के साथ आएंगे या नहीं.