प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
नोटबंदी के एक महीने बाद राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नए सिरे से हमला बोलते हुए इसे एक ‘मूखर्तापूर्ण फैसला’ तथा ‘एक आदमी द्वारा लाई गई आर्थिक त्रासदी ’बताया. हालांकि, प्रधानमंत्री ने इस अभियान को भ्रष्टाचार और काला धन के खिलाफ यज्ञ बताते हुए इसकी सराहना की.
500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ने के साथ भाजपा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह सुखिर्यों में आने के लिए हर रोज बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आठ नवंबर को मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के एक महीने पूरे होने पर संसद परिसर में काला दिवस मनाया. राहुल ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ‘मूखर्तापूर्ण फैसले’ ने देश को तबाह कर दिया है. कांग्रेस के अलावा टीएमसी, माकपा, भाकपा, जदयू, सपा सहित सभी विपक्षी पार्टियों के नेता अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध में शामिल हुए.
राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह तथाकथित साहसिक फैसला लिया. साहसिक फैसला मूखर्तापूर्ण फैसला भी हो सकता है. और यह एक मूर्खतापूर्ण फैसला था. इसने देश को तबाह कर दिया. 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. किसान, मछुआरे, दिहाड़ी मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.’’ वहीं, विपक्ष के हमले का सामना करते हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा कि कम समय की तकलीफ से लंबे समय में फायदा होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसान, व्यापारी और मजदूरों को इस कदम से फायदा होगा.
सिलसिलेवार ट्वीट में मोदी ने नोटबंदी के फायदे के बारे में बताया और कहा कि ‘नकदीरहित’ भुगतान को बढ़ावा देने के लिए देश के पास यह एक ‘ऐतिहासिक अवसर’ है. उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार, आतंकवाद और काले धन के खिलाफ जारी यज्ञ में तहे दिल से भाग लेने को लेकर मैं भारत के लोगों को सलाम करता हूं.’’
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मोदी ने कहा, ‘‘एकजुट होकर, हमें अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत ने काले धन को शिकस्त दी है. यह गरीब, नव उदित मध्य वर्ग, मध्य वर्ग और भविष्य की पीढ़ियों को फायदा पहुंचाएगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ही कहा है कि सरकार के कदम से असुविधा होगी लेकिन कम समय की यह तकलीफ लंबे समय के फायदे का मार्ग प्रशस्त करेगा.’’ उन्होंने कहा कि फैसले का किसानों, व्यापारियों, मजदूरों के लिए कई फायदे हैं, ‘‘जो हमारे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं. भ्रष्टाचार और काले धन से ग्रामीण भारत की प्रगति और समृद्धि अब नहीं रुकेगी. हमारे गांवों को अवश्य ही उनका वाजिब हक मिलना चाहिए. ’’ वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में मौजूदा आर्थिक आपदा के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा प्रधानमंत्री के तहत पूरी तरह से पटरी से उतर गई है.
ममता ने कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को किसी पर विश्वास नहीं है. कोई टीम वर्क नहीं है. वह नहीं समझते हैं कि देश के लिए अच्छा क्या है. वह विशेषज्ञों से मशविरा नहीं करते. यह एक आदमी की तानाशाही है. यह एक आदमी द्वारा लाई गई आपदा है. यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है.’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने नोटबंदी के खिलाफ काला दिवस मनाने को लेकर कांग्रेस नीत विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वे लोग वास्तव में ‘काला धन समर्थन दिवस’ मना रहे हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया कि मोदी के खिलाफ राहुल की टिप्पणी उनकी अक्षमता और हेकड़ी से उपजी है. वह लगभग रोजाना आधार पर बेबुनियाद आरोप लगाकर टीआरपी बटोरने की राजनीति में अरविंद केजरीवाल से मुकाबला कर रहे हैं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में आए संकट के लिए एकमात्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के मुद्दे पर संसद के अंदर और बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ने के साथ भाजपा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि वह सुखिर्यों में आने के लिए हर रोज बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं.
विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आठ नवंबर को मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के एक महीने पूरे होने पर संसद परिसर में काला दिवस मनाया. राहुल ने प्रधानमंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ‘मूखर्तापूर्ण फैसले’ ने देश को तबाह कर दिया है. कांग्रेस के अलावा टीएमसी, माकपा, भाकपा, जदयू, सपा सहित सभी विपक्षी पार्टियों के नेता अपनी बांहों पर काली पट्टी बांधकर विरोध में शामिल हुए.
राहुल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह तथाकथित साहसिक फैसला लिया. साहसिक फैसला मूखर्तापूर्ण फैसला भी हो सकता है. और यह एक मूर्खतापूर्ण फैसला था. इसने देश को तबाह कर दिया. 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. किसान, मछुआरे, दिहाड़ी मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.’’ वहीं, विपक्ष के हमले का सामना करते हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा कि कम समय की तकलीफ से लंबे समय में फायदा होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसान, व्यापारी और मजदूरों को इस कदम से फायदा होगा.
सिलसिलेवार ट्वीट में मोदी ने नोटबंदी के फायदे के बारे में बताया और कहा कि ‘नकदीरहित’ भुगतान को बढ़ावा देने के लिए देश के पास यह एक ‘ऐतिहासिक अवसर’ है. उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार, आतंकवाद और काले धन के खिलाफ जारी यज्ञ में तहे दिल से भाग लेने को लेकर मैं भारत के लोगों को सलाम करता हूं.’’
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मोदी ने कहा, ‘‘एकजुट होकर, हमें अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत ने काले धन को शिकस्त दी है. यह गरीब, नव उदित मध्य वर्ग, मध्य वर्ग और भविष्य की पीढ़ियों को फायदा पहुंचाएगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा ही कहा है कि सरकार के कदम से असुविधा होगी लेकिन कम समय की यह तकलीफ लंबे समय के फायदे का मार्ग प्रशस्त करेगा.’’ उन्होंने कहा कि फैसले का किसानों, व्यापारियों, मजदूरों के लिए कई फायदे हैं, ‘‘जो हमारे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं. भ्रष्टाचार और काले धन से ग्रामीण भारत की प्रगति और समृद्धि अब नहीं रुकेगी. हमारे गांवों को अवश्य ही उनका वाजिब हक मिलना चाहिए. ’’ वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश में मौजूदा आर्थिक आपदा के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा प्रधानमंत्री के तहत पूरी तरह से पटरी से उतर गई है.
ममता ने कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को किसी पर विश्वास नहीं है. कोई टीम वर्क नहीं है. वह नहीं समझते हैं कि देश के लिए अच्छा क्या है. वह विशेषज्ञों से मशविरा नहीं करते. यह एक आदमी की तानाशाही है. यह एक आदमी द्वारा लाई गई आपदा है. यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है.’’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने नोटबंदी के खिलाफ काला दिवस मनाने को लेकर कांग्रेस नीत विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वे लोग वास्तव में ‘काला धन समर्थन दिवस’ मना रहे हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया कि मोदी के खिलाफ राहुल की टिप्पणी उनकी अक्षमता और हेकड़ी से उपजी है. वह लगभग रोजाना आधार पर बेबुनियाद आरोप लगाकर टीआरपी बटोरने की राजनीति में अरविंद केजरीवाल से मुकाबला कर रहे हैं. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में आए संकट के लिए एकमात्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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