
आम आदमी पार्टी पर योगेन्द्र यादव का बयान
- बंद दरवाजों के पीछे तोल-मोल हो रहा है
- यह सत्ता के लिए नंगा नाच है
- तब सिद्धांतों को लेकर टूटी थी और आज सत्ता को लेकर टूटी है पार्टी
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साल 2015 में अपनी और प्रशांत भूषण की बर्खास्तगी का हवाला देते हुए यादव ने कहा कि तब क्या हुआ था और अब क्या हो रहा है उसमें ‘‘मूल-भूत’’ अंतर है.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ है कि दो साल पहले जो हुआ और अब जो हो रहा है, उसमें मूल-भूत अंतर है. दो साल पहले भी पार्टी टूटी थी, लेकिन तब वह सिद्धांतों को लेकर टूटी थी और आज सत्ता को लेकर. यह सत्ता के लिए नंगा नाच है.’’
उन्होंने कहा, उस झगड़े में ‘‘सिद्धांतों’’ को पारदर्शी तरीके से खुले में जनता के सामने रखा गया था, लेकिन आज ‘‘बंद दरवाजों के पीछे तोल-मोल हो रहा है.’’ यादव ने कहा, ‘‘दो साल पहले आप के सत्ता के शिखर पर रहते हुए सवाल उठा था, आज यह डूबता हुआ जहाज है, जिसे लोग छोड़कर जा रहे हैं. यह नकारात्मक बदलाव है. एक वक्त जिन लोगों ने बहुत आशाएं लगायी थीं, आज वे छोड़कर जा रहे हैं.’’
(इनपुट भाषा से)
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