सरोजिनीनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं स्वाति सिंह (फाइल फोटो)
दयाशंकर सिंह की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद जो राजनीतिक माहौल मायावती के पक्ष में बना, उसे स्वाति सिंह ने कुछ घंटों में बसपा के खिलाफ ही मोड़ दिया था.
भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह सरोजनीनगर सीट से पार्टी की उम्मीदवार हैं. स्वाति सिंह बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं.
स्वाति सिंह की चुनौती
स्वाति सिंह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें बलिया से टिकट देगी जो उनका गृह क्षेत्र भी है. लेकिन बीजेपी ने समझौते के तहत यह सीट भारतीय समाज पार्टी को दे दी. जिस सरोजनीनगर सीट से स्वाति सिंह चुनाव लड़ रही हैं, वहां अब तक हुए विधानसभा चुनावों में कभी भी बीजेपी की जीत नसीब नहीं हुई है. सरोजनीनगर ऐसी विधानसभा सीट है जहां सपा और बसपा का मुकाबला होता रहा है. पिछली बार सपा के शारदा प्रताप शुक्ल ने दो बार से लगातार जीत रहे बसपा के मोहम्मद इर्शाद को हरा दिया था.
स्वाती सिंह का मजबूत पक्ष
दयाशंकर और मायावती के बहाने बीजेपी और बीएसपी के बीच अभद्र टिप्पणी को लेकर शुरू हुए 'मुकाबले' ने स्वाति सिंह की राजनीतिक राह आसान कर दी. इस प्रकरण के दौरान बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने उनकी बेटी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद स्वाति सिंह ने बीएसपी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया था. उन्होंने अपनी सास, बेटी और खुद के साथ हुई बदसलूकी को आधार बनाकर चुनाव प्रचार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उनकी लड़ाई महिलाओं के सम्मान की लड़ाई है. स्वाति सिंह की दमदार और मुखर छवि उनके पक्ष में काम कर सकती है.
बलिया की रहने वाली स्वाति ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। इसी दौरान विश्वविद्यालय में ही पढ़ने वाले छात्र नेता दयाशंकर सिंह से मुलाकात हुई. उनकी एक बेटी भी है.
भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश महिला विंग की अध्यक्ष स्वाति सिंह सरोजनीनगर सीट से पार्टी की उम्मीदवार हैं. स्वाति सिंह बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने वाले भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं.
स्वाति सिंह की चुनौती
स्वाति सिंह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें बलिया से टिकट देगी जो उनका गृह क्षेत्र भी है. लेकिन बीजेपी ने समझौते के तहत यह सीट भारतीय समाज पार्टी को दे दी. जिस सरोजनीनगर सीट से स्वाति सिंह चुनाव लड़ रही हैं, वहां अब तक हुए विधानसभा चुनावों में कभी भी बीजेपी की जीत नसीब नहीं हुई है. सरोजनीनगर ऐसी विधानसभा सीट है जहां सपा और बसपा का मुकाबला होता रहा है. पिछली बार सपा के शारदा प्रताप शुक्ल ने दो बार से लगातार जीत रहे बसपा के मोहम्मद इर्शाद को हरा दिया था.
स्वाती सिंह का मजबूत पक्ष
दयाशंकर और मायावती के बहाने बीजेपी और बीएसपी के बीच अभद्र टिप्पणी को लेकर शुरू हुए 'मुकाबले' ने स्वाति सिंह की राजनीतिक राह आसान कर दी. इस प्रकरण के दौरान बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने उनकी बेटी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद स्वाति सिंह ने बीएसपी को ही कठघरे में खड़ा कर दिया था. उन्होंने अपनी सास, बेटी और खुद के साथ हुई बदसलूकी को आधार बनाकर चुनाव प्रचार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उनकी लड़ाई महिलाओं के सम्मान की लड़ाई है. स्वाति सिंह की दमदार और मुखर छवि उनके पक्ष में काम कर सकती है.
बलिया की रहने वाली स्वाति ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। इसी दौरान विश्वविद्यालय में ही पढ़ने वाले छात्र नेता दयाशंकर सिंह से मुलाकात हुई. उनकी एक बेटी भी है.
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